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डूसू से राजनीति से शुरुआत, अब दिल्ली की मुख्यमंत्री; कौन हैं रेखा गुप्ता जो बनी दिल्ली की सीएम

नई दिल्ली: छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहीं शालीमार बाग की विधायक रेखा गुप्ता दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी। बुधवार शाम भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई। रामलीला मैदान में गुरुवार को भव्य शपथ ग्रहण समारोह में उपराज्यपाल वीके सक्सेना उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। 

DUSU से शुरू किया करियर 

रेखा गुप्ता ने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से पढ़ाई के दौरान ही छात्र राजनीति में कदम रखा। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ी रहीं और 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की अध्यक्ष बनीं, जहां उन्होंने छात्रों के मुद्दों को सक्रिय रूप से उठाया। साल 2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुने जाने के बाद, उन्होंने क्षेत्र में पुस्तकालय, पार्क और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाओं के विकास पर काम किया।

महिलाओं के लिए सशक्तिकरण अभियान का नेतृत्व

वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी जुड़ी रही हैं। महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए, उन्होंने “सुमेधा योजना” जैसी पहल शुरू की, जिसने आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता की। महिला कल्याण और बाल विकास समिति की प्रमुख के रूप में, उन्होंने महिलाओं के लिए सशक्तिकरण अभियान का नेतृत्व किया। रेखा गुप्ता दिल्ली में भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव और इसकी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सदस्य भी रह चुकी हैं।

इन भूमिकाओं में, उन्होंने हाशिए पर पड़े समुदायों और महिलाओं के कल्याण के लिए कई अभियान चलाए। सामाजिक कार्यों के प्रति उनका समर्पण और योगदान उनके नेतृत्व गुणों को उजागर करता है। उनका पारिवारिक जीवन समाज सेवा के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है, जहां देशभक्ति और परोपकार के मूल्यों को बहुत महत्व दिया जाता है। रेखा गुप्ता हमेशा राजनीति और समाज दोनों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में सबसे आगे रही हैं। उनका जीवन प्रेरणा और समाज सेवा का प्रतीक है।

अब बनेगीं दिल्ली की सीएम 

खुद को लगातार बेहतर बनाने का उनका जुनून इसी बात से जाहिर होता है कि उन्होंने 2022 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। पार्टी में उनकी गहरी पैठ इसी बात से उजागर होती है कि पहली बार की विधायक होने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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