Friday, October 10, 2025
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जेलेंस्की के बाद अब दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति से भिड़ गए ट्रंप, व्हाइट हाउस मीटिंग में क्या हुआ?

वाशिंगटनः अमेरिका (US) के ओवल ऑफिस में बुलाए जाने पर पहले जहां नेता गौरव का क्षण समझते थे तो वहीं हो सकता है कि नेता अब इस पर विचार करें क्योंकि  यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के बाद ट्रंप अब दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा (Cyril Ramaphosa) से भिड़ गए हैं। हालांकि सिरिल रामफोसा ने इस बैठक को सकारात्मक बनाए रखा। 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और सिरिल रामाफोसा की इस मुलाकात के बाद इसी साल फरवरी में वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ हुई मुलाकात की याद दिला दी है। 

इस बैठक में ट्रंप और जे. डी. वेंस ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की की आलोचना की थी। ओवल हाउस में हुई इस बहस ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया था। 

Cyril Ramaphosa और Donald Trump की मुलाकात

बुधवार को सिरिल रामाफोसा और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में हुई थी। इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच तनाव को कम करना था। हालांकि बैठक के कुछ ही देर बाद व्हाइट हाउस का माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालांकि, अफ्रीकी राष्ट्रपित ने इस दौरान संयमपूर्ण तरीके से बातचीत की। 

दरअसल, बैठक के दौरान ट्रंप ने ओवल ऑफिस में लाइट धीमी करने और एक बड़ी स्क्रीन चलाने का आदेश दिया। इस पर रामाफोसा थोड़ा असहज होते दिखाई दिए। ट्रंप के आदेश पर बड़ी स्क्रीन पर एक वीडियो चलाया गया जिसमें दक्षिण अफ्रीका के विपक्षी नेता रंगभेद युग के गाने गाते हुए दिखाई दे रहे थे। इसमें बोअर्स को गोली मारने की बात कही गई थी। बोअर्स एक डच भाषा का शब्द है जिसका अर्थ ‘किसान’ है। बोअर्स को अफ्रीकनर्स के नाम से भी जाना जाता है। 

इसके बाद ड्रोन के कुछ कथित फुटेज दिखाए गए जिसमें कब्रों को सफेद क्रास से चिह्नित दिखाया गया। इसके बाद ट्रंप ने हाल ही में अफ्रीका में हुई हत्याओं की अखबार कटिंग दिखाते हुए कहा “मौत, मौत, मौत, भयानक मौत।”

ट्रंप ने मांगा स्पष्टीकरण

इसके बाद ट्रंप ने रामाफोसा से श्वेत लोगों के नरसंहार पर स्पष्टीकरण मांगा। ट्रंप ने दावा किया कि यह प्रिटोरिया में हो रहा था। 

इसका जवाब देते हुए रामाफोसा ने कहा कि नारे और भाषण सरकार की नीति नहीं है। “हमारे दक्षिण अफ्रीका में बहुदलीय लोकतंत्र है जो लोगों को उन्हें अभिव्यक्त करने की अनुमति देता है।”

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार की नीति पूरी तरह से उसके खिलाफ है जो वो संसद में बोल रहे थे। इसके साथ ही रामफोसा ने कहा कि वह एक छोटी अल्पसंख्यक पार्टी है जो कि संविधान के तहत अस्तित्व में है।

हालांकि, ट्रंप इसके बाद रामफोसा से सहमत नजर नहीं आए और कहा कि दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले श्वेत किसान नरसंहार के शिकार हैं। वहीं, इस बैठक के दौरान रामफोसा ने कहा कि “काश मेरे पास आपको देने के लिए एक प्लेन होता। ” 

रामाफोसा की यह टिप्पणी हाल ही में ट्रंप को कतर सरकार की ओर से मिले प्लेन के बारे में था जिसकी कीमत 400 मिलियन डॉलर यानी 34 अरब 37 करोड़ रुपये खर्च किए थे।  

इस पर डोनाल्ड ट्रंप ने जवाब देते हुए कहा “काश आपने ऐसा किया होता। मैं इसे ले लेता। यदि आपका देश संयुक्त राष्ट्र की वायु सेना को एक विमान पेश करता तो मैं इसे ले लेता। “

ऐसे में इस तनावपूर्ण माहौल में रामाफोसा ने यह स्वीकार करते हुए कहा कि आपराधिक घटनाओं में मारे जाने वाले लोग सिर्फ श्वेत नहीं होते हैं बल्कि इनमें से अधिकतर काले लोग होते हैं। 

ट्रंप और जेलेंस्की की बहस

गौरतलब है कि 28 फरवरी को डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की की मुलाकात हुई थी जो बहस में तब्दील हो गई थी। दोनों नेताओं के बीच हुई तीखी नोकझोंक ने दुनियाभर के नेताओं का ध्यान आकर्षित किया था। इस बहस के बाद दुनियाभर के कई नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। यूरोपीय नेताओं ने इस पर जेलेंस्की का साथ दिया था। 

अमेरिका की तरफ से कुछ सांसदों ने ऐसी परिस्थिति के लिए लिए ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की आलोचना की थी।  

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