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DGCA के ऑडिट में एक साल में आठ एयरलाइनों में 263 खामियां मिलीं, 19 गंभीर थे

भारत के विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने आठ प्रमुख एयरलाइनों के वार्षिक सुरक्षा ऑडिट के दौरान 263 उल्लंघनों का पता लगाया है। इनमें से 19 गंभीर स्तर (लेवल-1) के और 244 मामूली स्तर (लेवल-2) के उल्लंघन शामिल हैं।

डीजीसीए द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों और आधिकारिक बयान के अनुसार, टाटा-एसआईए एयरलाइंस (टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस का संयुक्त उपक्रम) ने 10 गंभीर उल्लंघनों के साथ सबसे अधिक लेवल-1 उल्लंघन किए, इसके बाद एयर इंडिया ने 7 और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 2 गंभीर उल्लंघन किए।

वहीं, मामूली स्तर के उल्लंघनों (लेवल-2) में अलायंस एयर शीर्ष पर रही, जिसके खिलाफ 57 उल्लंघन दर्ज किए गए। इसके बाद एयर इंडिया के 44, बेंगलुरु आधारित क्षेत्रीय एयरलाइन घोडावत स्टार के 41, क्विकजेट के 35, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस के 23-23, स्पाइसजेट के 14, और टाटा-एसआईए के 7 मामूली उल्लंघन पाए गए।

ऑडिट का उद्देश्य और प्रक्रिया

डीजीसीए ने ऑडिट की सटीक 12 महीने की अवधि का उल्लेख नहीं किया, बल्कि सिर्फ “पिछले एक साल” कहा। नियामक ने बताया कि ये ऑडिट सुधार के लिए आवश्यक उपकरण हैं।

डीजीसीए ने अपने बयान में कहा कि ये ऑडिट अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) की आवश्यकताओं और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं पर आधारित हैं और इनका उद्देश्य संचालन की सुरक्षा बढ़ाना तथा नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करना है।

डीजीसीए ने कहा कि जिन एयरलाइनों का परिचालन बड़ा और बेड़ा विशाल होता है, उनके खिलाफ ऑडिट निष्कर्षों की संख्या अधिक होती है। यह किसी असाधारण चूक का संकेत नहीं यह एक वैश्विक घटना है।

यह भी बताया गया कि प्रत्येक ऑडिट के बाद संबंधित एयरलाइनों को औपचारिक रूप से नोटिस भेजा जाता है और उनसे समयबद्ध अनुपालन रिपोर्ट तथा सुधारात्मक कार्रवाई की जानकारी मांगी जाती है। डीजीसीए इन इन प्रतिक्रियाओं की निगरानी करता है और सुनिश्चित करता है कि सुरक्षा मानकों को बनाए रखने और सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

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