Delhi-NCR: बीते कई दिनों से राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में भारी बारिश से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हो गया है। भारी बारिश के चलते दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न इलाकों नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद के विभिन्न इलाकों में जलभराव हो गया है। वहीं, यमुना नदी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। वहीं, दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट ऑपरेशन पूरी तरह से प्रभावित है। फ्लाइटरडार24 वेबसाइट के मुताबिक करीब 300 से अधिक उड़ानें प्रभावित हैं।
लगातार हो रही बारिश के चलते दिल्ली के अहम इलाकों सफ्दरजंग, कश्मीरी गेट, क्नॉट प्लेस, इंडिया गेट और अन्य स्थानों पर 3 सितंबर, बुधवार को जलभराव हो गया।
दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त
दिल्ली के निगमबोध घाट को बंद कर दिया गया है और यहां पर रखे गए शवों को पंचकुइयां श्मशान घाट भेजा जा रहा है। बारिश के कारण पानी इतना ज्यादा हो गया कि यमुना बाजार के राहत शिविरों में भी पहुंच गया। प्रशासन को लोगों को निकालने का काम शुरू करना पड़ा।
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी एक मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो गया है जिससे यातायात में भारी रुकावट आ रही है। इसी तरह गुरुग्राम, नोएडा और आसपास के इलाकों में भी कई सड़कों पर पानी भर गया है जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने की वजह से मजनू का टीला से शालीमार्ग बायपास आउटर रिंग रोड पर यातायात का आवागमन बाधित हुआ है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है। मध्य, पूर्व, उत्तर पूर्व, शाहदरा, दक्षिण और दक्षिण पूर्व के इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, नई दिल्ली, उत्तर, उत्तर पूर्व, दक्षिण पूर्व और पश्चिमी दिल्ली में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।
यमुना नदी के जलस्तर ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 3 सितंबर को 207.33 मीटर तक पहुंच गया। यह 2013 के 207.32 मीटर को पार कर गया। यमुना का जलस्तर साल 2023 में उच्चतम रहा जहां 208.66 मीटर दर्ज किया गया था, वहीं, 1978 में इसका जलस्तर 207.49 मीटर दर्ज किया गया था।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, इस बीच दिल्ली के निचले इलाकों में रहने वाले करीब 7,500 निवासियों को निकाला गया है। वहीं, जलभराव के चलते विस्थापित हुए लोगों को शहर के 25 राहत शिविरों में ले जाया गया है।
दिल्ली के मजनू का टीला क्षेत्र में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कॉलोनी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। इस बीच हथिनी कुंड बैराज से 1,65,211 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और वजीराबाद बैराज से 1,76,850 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं, ओखला बैराज से 2,09,439 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। दिल्ली के बाढ़ और सिंचाई मंत्री प्रवेश वर्मा ने आईटीओ बैराज की समीक्षा की।
दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर से भारी बारिश के चलते जलभराव और भूस्खलन की घटनाओं ने जनजीवन तबाह कर दिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी नदियों का जलस्तर उफान पर है।