Homeभारतदिल्ली के सीएम रेखा गुप्ता को नहीं मिल पाया सरकारी बंगला, जानें...

दिल्ली के सीएम रेखा गुप्ता को नहीं मिल पाया सरकारी बंगला, जानें वजह

नई दिल्ली:  दिल्ली सरकार के कई मंत्रियों को बुधवार को उनका आधिकारिक आवास आवंटित कर दिया गया है, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मनजिंदर सिंह सिरसा और स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह को आवास आवंटित नहीं किया गया है। रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाले तकरीबन डेढ़ महीने होने जा रहा है, लेकिन अभी तक उन्हें आवास आवंटित नहीं किया गया है। वह अभी भी शालीमार बाग स्थित अपने आवास में ही रह रही हैं।

सीएम रेखा गुप्ता ने ‘शीशमहल’को ठुकराया

इससे पहले सीएम रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले में रहने से साफ इनकार कर दिया था, जिसे भाजपा शीशमहल कहती है। यही वजह है कि सीएम के लिए लुटियंस जोन में नए आवास की तलाश जारी है। वहीं, रेखा गुप्ता के सरकारी आवास के संबंध में अभी तक लोक निर्माण विभाग की तरफ से कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

इन मंत्रियों को मिला नया आवास

उधर, बुधवार को दिल्ली सरकार में शामिल कई मंत्रियों को आवास आवंटित किए जा चुके हैं। मंत्री कपिल मिश्रा, रविंद्र इंद्राज, मोहन सिंह बिष्ट को श्यामनाथ मार्ग पर तो मंत्री आशीष सूद को भी आवास आवंटित किया गया। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी को 115 अंसारी रोड पर बंगला आवंटित हुआ है। आतिशी के आवास के मरम्मत और जीर्णोद्धार में लोक निर्माण विभाग की तरफ से 39 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।

लोक निर्माण विभाग के मुताबिक, यह बंगला पिछले एक साल से खाली पड़ा है। ऐसी स्थिति में इसकी मरम्मत कराना जरूरी हो जाता है। इस बंगले में कुछ जरूरी बदलाव करने होंगे, तभी जाकर यह रहने लायक हो पाएगा।

इससे पहले, आतिशी ने एबी-17 मथुरा रोड बंगला आवंटित किए जाने का अनुरोध किया था। लेकिन, लोक निर्माण विभाग ने इस बंगले को आवंटित करने से इनकार कर दिया था। लोक निर्माण विभाग ने बताया था कि इंटर-पूल एक्सचेंज के हिस्से के रूप में इस बंगले को आवंटित नहीं किया जा सकता है।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version