नई दिल्ली: दिल्ली के धौला कुआं में एक दर्दनाक सड़क हादसे में वित्त मंत्रालय के उप सचिव नवजोत सिंह की मौत के मामले में पुलिस ने आरोपी महिला गगनप्रीत कौर को जीटीबी नगर के न्यूलाइफ अस्पताल से हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त बीएमडब्ल्यू कार को भी जब्त कर लिया है। गौरतलब है कि पीड़ित की पत्नी संदीप कौर ने पुलिस को बयान दिया था कि जानबूझकर इलाज में देरी की गई, जिससे उनके पति की जान चली गई।
मृतक की पत्नी संदीप कौर ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि दुर्घटना के बाद उन्होंने आरोपी महिला से बार-बार पास के अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई, ताकि उनके पति को तुरंत इलाज मिल सके, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। इसके बजाय, उन्हें लगभग 19 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर में एक छोटे से अस्पताल ले जाया गया। संदीप कौर का आरोप है कि आरोपी ने जानबूझकर ऐसा किया ताकि उसे कानूनी कार्रवाई से बचने का मौका मिल सके।
यह हादसा रविवार दोपहर को हुआ, जब नवजोत सिंह (50) अपनी पत्नी संदीप कौर के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारे से लौट रहे थे। रिंग रोड पर धौला कुआं के पास मेट्रो पिलर नंबर 67 के पास, एक तेज रफ्तार नीली बीएमडब्ल्यू कार ने उनकी मोटरसाइकिल को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों सड़क पर जा गिरे। नवजोत सिंह को सिर, चेहरे और पैरों में गंभीर चोटें आईं, जबकि संदीप कौर को कई फ्रैक्चर हुए और सिर में भी गंभीर चोटें आईं।
संदीप कौर इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है। पुलिस ने बताया कि आरोपी महिला एक व्यवसायी की पत्नी है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
मृतक नवजोत सिंह की पत्नी ने हादसे को लेकर क्या कुछ बताया?
हादसे में जान गंवाने वाले नवजोत सिंह, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में उप सचिव थे। रविवार दोपहर को वे अपनी पत्नी संदीप कौर के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारे से लौट रहे थे, तभी रिंग रोड पर धौला कुआं के पास उनकी मोटरसाइकिल को एक नीले रंग की तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू ने पीछे से टक्कर मार दी। संदीप कौर, जो पीछे बैठी थीं, ने बताया कि उन्होंने हेलमेट पहन रखा था, जबकि उनके पति ने पगड़ी बांधी हुई थी।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों सड़क पर गिर गए। नवजोत सिंह को सिर, चेहरे और पैरों में गंभीर चोटें आईं, जबकि संदीप कौर को कई फ्रैक्चर हुए और सिर में चोट लगने के कारण 14 टांके आए। पुलिस में दर्ज एफआईआर के अनुसार, बीएमडब्ल्यू चला रही महिला लापरवाही से गाड़ी चला रही थी, उसने नियंत्रण खो दिया और उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मारकर खुद भी पलट गई।
संदीप कौर ने पुलिस को बताया कि दुर्घटना के बाद उन्होंने कार चला रही महिला से कई बार उन्हें पास के अस्पताल ले जाने की विनती की, ताकि उनके पति को तुरंत इलाज मिल सके, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। इसके बजाय, उन्हें एक वैन में बैठाकर 19 किमी दूर जीटीबी नगर स्थित न्यूलाईफ हॉस्पिटल ले जाया गया। संदीप कौर ने अपने बयान में कहा, मैं बार-बार उनसे पास के अस्पताल ले जाने का अनुरोध करती रही, ताकि हमें तुरंत इलाज मिल सके, लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी।
जीटीबी नगर के न्यूलाइफ अस्पताल में डॉक्टरों ने नवजोत सिंह को मृत घोषित कर दिया और उनकी मौत का कारण सड़क दुर्घटना बताया। संदीप कौर को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। बाद में उनके बेटे और परिचितों ने उन्हें वेंकटेश्वर अस्पताल में स्थानांतरित कराया।
एफआईआर के अनुसार, आरोपी महिला ने अपना नाम गगनप्रीत कौर बताया और अपनी कार का नंबर 0008 दिया। वह भी अपने पति के साथ उसी अस्पताल में भर्ती हो गई, जिन्हें इस हादसे में चोटें आई थीं। पुलिस ने अस्पताल से जानकारी एकत्र कर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 281, 125, 105 और 238 के तहत मामला दर्ज किया है।
नवजोत सिंह के बेटे नवनूर ने आरोप लगाया कि पिता की जान इसलिए गई क्योंकि आरोपी ने नजदीकी ट्रॉमा सेंटर या एम्स जैसे सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल की बजाय अपने अस्पताल का रुख किया। उन्होंने कहा, अगर उन्हें तुरंत एम्स ले जाया जाता तो शायद पापा बच जाते। बेटे का यह भी कहना है कि अस्पताल स्टाफ ने जानकारी छिपाने की कोशिश की और आरोपी महिला को छुपाकर दूसरी मंजिल पर भर्ती कर लिया।
नव नूर ने यह भी आरोप लगाया कि जब उनकी मां को होश आया तो उन्होंने खुद को वैन की यात्री सीट पर पाया और देखा कि उनके पिता पीछे बेहोश पड़े थे। उन्होंने कहा, लोगों ने मुझे बताया कि ऐसे हादसे में तुरंत मौत होना दुर्लभ है।
घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले चश्मदीद ने क्या बताया?
इस हादसे के चश्मदीद मोहम्मद गुलफान ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, मैं लोडिंग गाड़ी चलाता हूं और धौला कुआं की तरफ से आ रहा था, तभी देखा कुछ लोग सड़क पर घायल पड़े थे। हालत गंभीर थी। लोग वीडियो बना रहे थे, लेकिन मदद नहीं कर रहे थे।
गुलफान ने बताया कि उन्होंने एक बुजुर्ग व्यक्ति की मदद से सभी घायलों को आजादपुर के एक अस्पताल पहुँचाया। करीब 20-25 मिनट बाद डॉक्टर ने नवजोत सिंह को मृत घोषित कर दिया। उनकी पत्नी भी बुरी तरह घायल थीं। उन्होंने मुझे एक पता दिया, इसलिए मैं उनके परिवार को देखने यहाँ आया हूँ। गुलफान ने कहा कि मैंने सभी को बचाने की कोशिश की, लेकिन बचा नहीं सका।
मृतक की बहन ने आरोपी के लिए कड़ी सजा की मांग की और आरोप लगाया कि अस्पताल का गलत चुनाव घातक साबित हुआ। उन्होंने कहा कि उस महिला को बख्शा नहीं जाना चाहिए। उसने मेरे भाई को मार डाला। वे उसे एक कमरे वाले अस्पताल में ले गए, जबकि धौला कुआं के पास इतने अस्पताल थे। अगर उन्हें वहाँ ले जाया गया होता, तो उनकी जान बच सकती थी।
मृतक की भाभी बिट्टी सिंह ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि वह मेरे लिए भाई जैसे थे। मुझे कल दोपहर इस घटना के बारे में पता चला। नवजोत जी वित्त मंत्रालय में काम करते थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (UN Peace), आईएमएफ और तीन देशों – चीन, कोरिया और जापान में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
बिट्टी सिंह ने आगे कहा कि वह भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना से भी जुड़े थे। वह सभी के प्रिय थे, कोई एक भी इंसान ऐसा नहीं था जो उन्हें पसंद न करता हो। उनका बेटा अभी-अभी ग्रेजुएट हुआ है और गुरुग्राम में काम करता है। उनकी पत्नी की सर्जरी चल रही है। बिट्टी सिंह ने लोगों से सावधानी से गाड़ी चलाने की अपील करते हुए कहा कि एक पूरा परिवार बर्बाद हो गया।”