Friday, October 10, 2025
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रक्षा बजट बढ़ाकर 6.81 लाख करोड़ किया गया, पूर्व सैनिकों के पेंशन पर एक चौथाई होगा खर्च

नई दिल्लीः मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने देश के रक्षा बजट में बड़ी बढ़ोतरी की है। वित्त वर्ष 2025-26 में इसे बढ़ाकर 6.81 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में आगामी वित्त वर्ष का बजट पेश किया। इसमें रक्षा के लिए कुल 6,81,210 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के 6,41,060 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 40 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है। इस प्रकार रक्षा बजट 50,65,345 करोड़ रुपये के कुल बजट का 13.45 प्रतिशत है।

रक्षा बजट में रक्षा सेवाओं (राजस्व) के लिए सबसे ज्यादा 3,11,732 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, पूर्व सैनिकों के पेंशन पर 1,60,795 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो कुल रक्षा बजट का लगभग एक चौथाई है।

रक्षा सेवाओं के लिए 1.80 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान

रक्षा सेवाओं के लिए 1.80 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का भी प्रावधान किया गया है, जबकि सिविल के मद में 28,682.97 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

रक्षा से जुड़ी योजनाओं की बात करें तो रक्षा सेवाओं के लिए ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क पर 1,456 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास पर वित्त वर्ष 2025-26 में 14,924 करोड़ रुपये और रक्षा से जुड़े निर्माण कार्य के लिए 11,452 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियों के लिए 1,494 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 

वहीं, रक्षा की विशेष योजनाओं के लिए भी बजट में 1,732 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव है।

सरकार सीमा पर मौजूदा स्थितियों और वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए सेना को आधुनिक बनाने और रक्षा क्षेत्र से जुड़े अनुसंधान एवं विकास पर आवंटन बढ़ा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पिछले कुछ समय में कई मौकों पर सेना को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कह चुके हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

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