Friday, October 10, 2025
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मणिपुर में हिंसा और आगजनी के बाद इंफाल में कर्फ्यू, 7 जिलों में इंटरनेट बंद

इंफाल: मणिपुर में हिंसा का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। शनिवार को इंफाल में प्रदर्शनकारियों ने राज्य के दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों पर हमला कर दिया। ये घटनाएं जिरीबाम जिले में छह लोगों की हत्या के विरोध में हुईं। मारे गए लोगों में तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे, जिन्हें कथित रूप से कुकी उग्रवादियों ने अगवा कर लिया था।

अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक हालात बिगड़ने और लोगों के गुस्सा को देखते हुए इंफाल वेस्ट प्रशासन ने जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया। सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं दो दिन के लिए बंद कर दीं।

इन जिलों में इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, थोबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर शामिल हैं। मणिपुर में लंबे समय से जातीय संघर्ष जारी है। हालिया घटनाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। सरकार और प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती शांति स्थापित करना और दोषियों को सजा दिलाना है।

मंत्री और विधायक के घरों पर हमले

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सपम रंजन के लम्फेल स्थित घर पर हमला कर दिया। वहीं, सगोलबंद क्षेत्र में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक आर.के. इमो सिंह के घर के बाहर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी हत्याकांड पर सरकार से “सख्त कार्रवाई” और 24 घंटे के भीतर दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इसके अलावा निर्दलीय विधायक सपम निशिकांत सिंह के घर पर भी प्रदर्शनकारी पहुंचे। उनके राज्य में न होने की सूचना मिलने पर प्रदर्शनकारियों ने उनके अखबार के कार्यालय को निशाना बनाया।

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, पांच दिन पहले जिरीबाम जिले में तीन महिलाएं और तीन बच्चों को अगवा कर लिया गया था। इन लोगों को राहत शिविर से उठाया गया था। शुक्रवार को इनमें से एक महिला और दो बच्चों के शव जिरी और बराक नदी के संगम के पास पाए गए। शवों को असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है।

गृह मंत्रालय ने मणिपुर की स्थिति को बताया है “नाजुक”-रिपोर्ट

इस बीच मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि गृह मंत्रालय ने मणिपुर की स्थिति को “नाजुक” बताते हुए सुरक्षा बलों को स्थिति नियंत्रण में लाने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

महत्वपूर्ण मामलों की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई है। शांति स्थापित करने के लिए केंद्र ने मणिपुर के छह पुलिस स्टेशनों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) की अवधि 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी है।

खबर के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने और शांति बनाए रखने की अपील की। प्रशासन ने कहा कि हिंसा रोकने और दोषियों पर कार्रवाई के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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