Tuesday, September 9, 2025
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Vice President Election: कौन होगा नया उपराष्ट्रपति, क्या कहते हैं नंबर; जानिए 10 बड़ी बातें

Vice President Election: एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की जीत एक तरह से तय मानी जा रही है। दूसरी ओर विपक्षी इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को कितने वोट मिलते हैं, ये देखना भी दिलचस्प होगा।

भारत के नए उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है। एक ओर जहाँ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन मैदान में हैं। वहीं, इंडिया ब्लॉक ने रिटायर जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। मतदान की प्रक्रिया संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। इसके बाद मतगणना शाम 6 बजे शुरू होगी।

दोनों पक्षों ने मॉक पोल के जरिए अभ्यास किया है ताकि उनके सांसद सही उम्मीदवार को मतदान करें। साथ ही कोई भी वोट अमान्य न हो सके। फिलहाल जो संसद में आंकड़े हैं उसके हिसाब से एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन विपक्षी इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी पर बढ़त बनाए हुए हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर 10 बड़ी बातें

  1. मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। इस दौरान कुल 781 सांसद (लोक सभा और राज्य सभा) वोट डालेंगे। मतगणना शाम 6 बजे के बाद शुरू होगी। उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया एक तरह से काफी सरल है। सभी सांसद, चाहे वे निर्वाचित हों या मनोनीत, मतदान कर सकते हैं। वे गुप्त मतदान करते हैं। इसका मतलब है कि कोई भी अपनी इच्छानुसार मतदान कर सकता है।
  2. वैसे, उपराष्ट्रपति के चुनाव में क्रॉस-वोटिंग भी पहले देखी गई है। मसलन 2022 में कई विपक्षी सांसदों ने भाजपा के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को वोट दिया था। तब भाजपा को अपने ही सांसदों की बड़ी संख्या का भी फायदा मिला था। इस बार पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए के दोनों सदनों में 427 सदस्य हैं। यह एक तरह से जीत के लिए पर्याप्त आंकड़ा लगता है। वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन (11 सांसद) और बीआरएस (4 सांसद), बीजेडी (7 सांसद), शिरोमणी अकाली दल के मतदान से अलग होने के बाद बहुमत का आंकड़ा 391 हो जाता है। ऐसे में ये हासिल करना एनडीए उम्मीदवार के लिए आसान होना चाहिए।
  3. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा फिर भी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। सूत्रों के अनुसार सभी वोट सुनिश्चित करने के लिए ‘मैन टू मैन मार्किंग’ की जा रही है। भाजपा सांसदों को समूहों में बाँटा गया है जो सुबह इकट्ठा होंगे और बाकी दिन साथ रहेंगे। ताकि विपक्ष द्वारा किसी तरह की बाधा या खरीद-फरोख्त की कोशिशों को खत्म किया जा सके।
  4. रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी राज्यों के भाजपा सांसदों की देखरेख संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी करेंगे। वहीं उत्तर प्रदेश के सांसद वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ होंगे। कृषि मंत्री शिवराज चौहान, आवास मंत्री एमएल खट्टर, कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल और पांच अन्य को भी भाजपा सासंदों को ऐसे ही साथ रखने की जिम्मेदारी दी गई है।
  5. दूसरी ओर विपक्ष यानी कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक की बात करें तो उनके पास केवल 315 वोट हैं। इसमें भी आम आदमी पार्टी के 12 सांसद शामिल नहीं हैं जो संभवत: जस्टिस रेड्डी का समर्थन कर भी सकते हैं। हालाँकि, सूत्रों के अनुसार इसमें भी मतभेद हैं। मसलन ‘आप’ की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पिछले साल अरविंद केजरीवाल के सहयोगी के द्वारा कथित मारपीट के बाद बदले हालात में पार्टी लाइन से अलग वोट कर सकती हैं।
  6. वैसे, इंडिया ब्लॉक के लिए इस चुनाव में जीत की उम्मीद नहीं है। वैसे इससे विपक्ष की एकता को भी आजमाया जा सकता है। इस साल और अगले साल बिहार, बंगाल और तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इस चुनाव में पार्टियां कैसे वोट डालती हैं, ये देखना दिलचस्प होगा।
  7. यह चुनाव जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के कारण जरूरी हो गया था। धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था।
  8. संविधान के अनुसार उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कम से कम 35 वर्ष का भारतीय नागरिक होना चाहिए और राज्यसभा की सदस्यता के लिए पात्र होना चाहिए। उम्मीदवार को केंद्र या राज्य सरकार, या किसी स्थानीय या सार्वजनिक प्राधिकरण के अधीन किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए। चुनाव लड़ने के लिए, उम्मीदवार को संसद सदस्यों में से कम से कम 20 प्रस्तावकों और 20 अनुमोदकों के हस्ताक्षर प्राप्त करने होते हैं।
  9. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के रूप में भी कार्य करते हैं। उनका कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है। इसके अलावा असाधारण परिस्थितियों में यदि वर्तमान राष्ट्रपति त्यागपत्र दे देते हैं, या उनका निधन हो जाता है, या उन्हें पद से हटा दिया जाता है, तो उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका भी संभालते हैं। ऐसे में राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हुए उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य नहीं कर सकते हैं।
  10. गौरतलब है कि धनखड़ भारत के इतिहास में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देने वाले केवल तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। इससे पहले वी.वी. गिरि और आर. वेंकटरमन ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए पद छोड़ा था। उनके बाद क्रमशः गोपाल स्वरूप पाठक और शंकर दयाल शर्मा ने वो पद संभाला था। वैसे, उपराष्ट्रपति पद के बीच में खाली होने जाने के कुछ और उदाहरण भी हैं, लेकिन धनखड़ से पहले केवल वीवी गिरि और आर वेंकटरमन- दो ऐसे नाम हैं जिन्होंने कार्यकाल का तीन साल भी पूरा नहीं किया और इस्तीफा दिया।
विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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