Saturday, October 11, 2025
Homeभारत'किसे बचाना चाह रही है सरकार?', अवैध कोयला खनन मामले में झारखंड...

‘किसे बचाना चाह रही है सरकार?’, अवैध कोयला खनन मामले में झारखंड हाईकोर्ट की टिप्पणी

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को पैनम कोल माइन्स कंपनी पर राज्य के पाकुड़ जिले में अवैध खनन के आरोपों की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए  तल्ख टिप्पणी की।  

कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार की ओर से दायर जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए मौखिक तौर पर कहा कि आखिर सरकार किसे बचाना चाह रही है? 

जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस नवनीत कुमार की बेंच ने कहा कि कई बार समय दिए जाने के बाद भी सरकार मामले में स्पष्ट जवाब दाखिल नहीं कर रही है। अदालत ने कहा कि यह मामला सीबीआई जांच को सौंपे जाने के लिए उपयुक्त प्रतीत हो रहा है, लेकिन सरकार को स्पष्ट जवाब दाखिल करने के लिए एक और मौका दिया जा रहा है। 

मामले में अगली सुनवाई के लिए 19 फरवरी की तारीख तय की गई है। 

इस मामले में अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि पैनम कोल कंपनी को पाकुड़ जिले में खनन का लीज मिला था। कंपनी ने लीज के निर्धारित क्षेत्र से अधिक जमीन पर खनन किया था। इससे राज्य सरकार को करीब 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था। 

इस संबंध में की गई शिकायतों की सरकार ने जांच कराई थी। जांच में भी अवैध खनन किए जाने और राजस्व के नुकसान की बात कही गई थी। लेकिन, जांच रिपोर्ट पर सरकार की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 

प्रार्थी की ओर से बताया गया कि कोयला खनन की वजह से विस्थापित हुए इस क्षेत्र के लोगों को पुनर्वास सहित अन्य सुविधाएं भी प्रदान नहीं की गई हैं। पूर्व में भी अदालत ने जांच रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई की जानकारी सरकार से मांगी थी। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा