रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी चार दिवसीय चीन यात्रा के दौरान बुधवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि साझेदार देशों के बीच सही भाषा का इस्तेमाल होना चाहिए। भारत और चीन पर अमेरिका और उसके व्यापक टैरिफ का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा कि भारत और चीन की शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाएँ है और इनके अपने घरेलू राजनीतिक तंत्र और कानून हैं। उन्होंने अमेरिका या डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बगैर कहा कि ‘आप इन देशों से ऐसे बात नहीं कर सकते।’
पुतिन ने कहा, ‘आपके सामने 1.5 अरब की आबादी वाले भारत, चीन और शक्तिशाली अर्थव्यवस्था है। लेकिन उनके अपने घरेलू राजनीतिक तंत्र और कानून भी हैं।’
रूसी राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘जब कोई आपसे कहता है कि वे आपको दंडित करने जा रहे हैं, तो आपको सोचना होगा कि उन देशों का नेतृत्व, वे बड़े देश, जिनके अपने इतिहास में कठिन दौर रहे हैं, जो उपनिवेशवाद से प्रभावित रहे हैं, जिनकी संप्रभुता पर लंबे समय तक हमले हुए हैं, आपको यह समझना होगा कि यदि उनमें से कोई कमजोरी दिखाता है, तो उसका राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा।’
‘समझना होगा…औपनिवेशक युग खत्म हो गया है’
पुतिन ने आगे कहा, ‘तो, यह व्यवहार को प्रभावित करता है। औपनिवेशिक युग अब समाप्त हो गया है, उन्हें यह समझना होगा कि वे अपने सहयोगियों से बात करते समय ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकते। लेकिन अंततः चीजें सुलझ जाएँगी, सब कुछ अपनी जगह ले लेगा, और हमें फिर राजनीतिक संवाद देखने को मिलेंगे।’
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ‘एकध्रुवीय विश्व’ को खत्म करने का भी आग्रह किया। उन्होंने बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि इसमें सभी राष्ट्र समान होने चाहिए और राजनीति या सुरक्षा पर केवल कुछ का प्रभुत्व नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘मैं असल में किसी भी प्रभावशाली जनमत संग्रह की बात नहीं करूँगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस नए बहुध्रुवीय विश्व में कोई प्रभुत्वशाली शक्ति होनी चाहिए क्योंकि इस बारे में कोई भी नहीं बोल रहा है, न ब्रिक्स में, न ही शंघाई सहयोग संगठन में। इस बहुध्रुवीय विश्व में सभी के समान अधिकार हैं।’
पुतिन ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय कानून के दृष्टिकोण से, सभी के समान अधिकार होने चाहिए, सभी की स्थिति समान होनी चाहिए। हाँ, भारत या चीन जैसे आर्थिक दिग्गज हैं, और वास्तव में, हमारा देश शीर्ष चार सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।’
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘इसका मतलब यह नहीं है कि राजनीति या वैश्विक सुरक्षा पर किसी का भी दबदबा हो। हमारा मानना है कि किसी का भी दबदबा होना जरूरी नहीं है, सभी समान होने चाहिए।’
ट्रंप की धमकी भरी टैरिफ नीतियों के बीच पुतिन का बयान
पुतिन की इन टिप्पणियों को यूक्रेन संघर्ष के कारण पश्चिमी देशों द्वारा मॉस्को पर लगाए गए प्रतिबंधों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू की गई टैरिफ नीतियों के कारण वैश्विक आर्थिक चिंताओं से जोड़ कर देखा जा रहा है।
ट्रंप ने भारतीय आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसमें रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ भी शामिल है।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया भर के देशों के साथ ट्रेड डील का दबाव बनाने के लिए टैरिफ का दबाव बनाए हुए हैं। भारत को लेकर ट्रंप ने फिर कहा है कि आगे उसके खिलाफ और कदम उठाए जा सकते हैं। ट्रंप ने दावा किया है कि उनके भारत के खिलाफ टैरिफ से रूस को सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान हुआ है और अभी और प्रतिबंध विचाराधीन हैं।