इस वक्त बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है। राहुल गांधी वोटर अधिकार यात्रा के जरिए चुनाव आयोग और भाजपा पर लगातार हमले बोल रहे हैं। प्रियंका गांधी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बाद बुधवार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन राहुल गांधी के इस यात्रा का हिस्सा बने। स्टालिन ने इस दौरान भाजपा की केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
बिहार के सबसे बड़े शहर मुजफ्फरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए स्टालिन ने दावा किया कि अगर चुनाव “स्वतंत्र और निष्पक्ष” हुए तो इंडिया (INDIA) ब्लॉक बिहार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेगा। उन्होंने मतदाता सूची से नामों को हटाने को ‘आतंकवाद से भी बदतर’ करार दिया।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष स्टालिन अपनी बहन और पार्टी सांसद कनिमोझी के साथ बिहार पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के तेजस्वी यादव और भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य जैसे प्रमुख नेता मौजूद थे।
स्टालिन ने अपना भाषण तमिल में दिया जिसका हिंदी अनुवाद किया गया। स्टालिन ने कहा कि वह पिछले एक महीने से, पूरा देश बिहार पर गहरी नजर रखे हुए है… चुनाव आयोग एक रिमोट-नियंत्रित कठपुतली बन गया है। विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन को लेकर स्टालिन ने कहा कि क्या (मसौदा मतदाता सूची से) 65 लाख लोगों के नाम हटाना आतंकवाद से भी बदतर नहीं है?
उन्होंने आरोप लगाया कि जब राहुल गांधी ने अतीत में हुए चुनावों की निष्पक्षता पर संदेह जताया था, तब मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने उन्हें एक हलफनामा दाखिल करने की चुनौती दी थी। डीएमके प्रमुख ने राहुल गांधी का नाम लेते हुए कहा कि आप (चुनाव आयोग) उन्हें डरा नहीं सकते।
स्टालिन ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की दोस्ती की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा, “मैंने राहुल का तेजस्वी के साथ बेहतरीन तालमेल देखा है, जो साथ में मोटरसाइकिल की सवारी करते हैं। यह दोस्ती एक सामान्य राजनीतिक साझेदारी से कहीं अधिक गहरी है। स्टालिन ने कहा, मुझे यकीन है कि अगर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हुए, तो भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को हार मिलेगी।”
स्टालिन ने बिहार के लोगों से एक वादा भी किया। उन्होंने कहा, “मैं आपसे वादा करता हूँ कि जब इंडिया ब्लॉक विधानसभा चुनाव जीतेगा, तो मैं शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए वापस आऊँगा।” उन्होंने याद दिलाया कि बिहार वह भूमि है जहाँ इस राष्ट्रव्यापी गठबंधन (इंडिया ब्लॉक) की नींव रखी गई थी, और इस गठबंधन ने ही भाजपा के 400 से अधिक सीटें जीतने के दावे को लोकसभा चुनाव में 240 तक सीमित कर दिया।
बिहार में पहुंचे स्टालिन को भाजपा ने दी ये चुनौती
हालांकि, स्टालिन के इस दौरे से तमिलनाडु में भाजपा को उन पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। भाजपा ने स्टालिन के अतीत में बिहार के लोगों और हिंदू देवी-देवताओं और त्योहारों पर की गई उनकी टिप्पणियों को जिक्र किया। भाजपा के पूर्व तमिलनाडु अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कुछ वीडियो क्लिप साझा किए, जिसमें कथित तौर पर स्टालिन और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों द्वारा बिहारियों और उत्तर भारतीयों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की गई थी। अन्नामलाई ने एमके स्टालिन को चुनौती देते हुए कहा कि वह बिहार में मंच से उन टिप्पणियों को दोहराकर दिखाएं।
अन्नामलाई ने एक्स (X) पर पोस्ट किया, “तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन आज बिहार में हैं। यह उनके, उनकी पार्टी के सदस्यों और उनके गठबंधन के सहयोगियों द्वारा हमारे बिहारी भाइयों और बहनों के बारे में की गई भद्दी टिप्पणियों का एक संकलन है।” उन्होंने आगे लिखा, “उम्मीद है कि वह थिरु राहुल गांधी के साथ मंच पर जाएंगे और उन लोगों के सामने गर्व से उन सभी अपमानों को दोहराएंगे, जिनका उन्होंने और उनकी पार्टी के सदस्यों ने मजाक उड़ाया था।”
इस वीडियो संकलन में कथित तौर पर स्टालिन, राज्य के मंत्रियों टीआरबी राजा और केएन नेहरू, डीएमके के वरिष्ठ नेताओं के. पोनमुडी और आरएस भारती, साथ ही डीएमके के सहयोगी वीसीके नेता और सांसद थोल थिरुमावलवन के बयान शामिल थे।
केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन ने भी स्टालिन पर कटाक्ष करते हुए बिहार रैली में उनकी मौजूदगी पर सवाल उठाया। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से भाषा का सवाल उठाते हुए कहा कि “मुझे नहीं पता कि वह बिहार में कौन सी भाषा बोलेंगे। अगर वह अंग्रेजी भी बोलते हैं, तो यह उनकी औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाएगा। हमारे प्रधानमंत्री औपनिवेशिक मानसिकता को मिटा रहे हैं और हम अपनी भारतीय संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा दे रहे हैं।”
मुरुगन ने कहा कि अगर वह वहाँ अंग्रेजी बोलने का विकल्प चुनते हैं, तो भी स्थानीय लोग इसे हिंदी में अनुवाद करेंगे। बिहार में उनकी रैली में भागीदारी का क्या उपयोग है?”
भाजपा नेता सीआर केसवन ने भी आलोचना करते हुए पूछा कि क्या स्टालिन गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर लोगों को बधाई देंगे। उन्होंने कहा, “क्या स्टालिन, जो राहुल गांधी की ‘संविधान बदनाम यात्रा’ में शामिल हो रहे हैं, गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर बिहार के लोगों को बधाई देंगे? क्योंकि एमके स्टालिन ने अतीत में हिंदू त्योहारों पर बधाई देने से हमेशा परहेज किया है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि बिहार के लोग इस बारे में क्या सोचेंगे कि कैसे वरिष्ठ डीएमके नेताओं ने पहले ‘बदनाम बिहार’ का प्रचार किया है और कैसे वरिष्ठ डीएमके नेताओं ने बिहार के लोगों की गरिमा का अपमान किया है।”