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खुद को बताया ओमान का एम्बेसडर, कार पर डिप्लोमैट नंबर और लाल बत्ती का करता था इस्तेमाल; गिरफ्तार

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद पुलिस ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को ओमान का उच्चायुक्त बताकर वीआईपी प्रोटोकॉल लेता था। 

आरोपी कृष्ण शेखर राणा, जो पूर्व में विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर और वाइस चांसलर रह चुका है, फर्जी दस्तावेजों के सहारे अधिकारियों को गुमराह कर रहा था। थाना कौशाम्बी पुलिस ने गुरुवार को उसे गिरफ्तार कर लिया।

उसके पास से एक फर्जी आईडी कार्ड, 42 विजिटिंग कार्ड, लाल-नीली बत्ती और फर्जी नंबर प्लेट वाली काले रंग की मर्सिडीज कार बरामद की गई। उसने अपनी कार पर “डिप्लोमैटिक” नंबर प्लेट लगाकर खुद को उच्चायुक्त दर्शाने का प्रयास किया था।

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह विभिन्न शहरों में ओमान के उच्चायुक्त के नाम पर वीआईपी सुरक्षा और सुविधाएं प्राप्त करता था। उसने मथुरा, फरीदाबाद और गाजियाबाद समेत कई शहरों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीआईपी प्रोटोकॉल लिया। इतना ही नहीं, फरवरी 2025 में दिल्ली के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में उसने चीफ गेस्ट के रूप में हिस्सा लिया था।

कृष्ण शेखर राणा आगरा विश्वविद्यालय में 1982 से 2015 तक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत था। इसके बाद वह पर्यावरण मंत्रालय में काम कर चुका है। उसने कुमाऊं यूनिवर्सिटी, अल्मोड़ा यूनिवर्सिटी, मेवाड़ यूनिवर्सिटी और जयपुर टेक्निकल यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के रूप में भी कार्य किया है।

आरोपी 2024 में इंडिया जीसीसी ट्रेड काउंसिल नामक एनजीओ से जुड़ा और बाद में “ओमान से व्यापार बढ़ाने के लिए” उसका ट्रेड कमिश्नर बन गया। इसी पहचान का फायदा उठाकर उसने खुद को उच्चायुक्त बताना शुरू कर दिया और वीआईपी सुविधाएं लेने लगा।

गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 319(2), 318(4) और 336(3) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी के खिलाफ विस्तृत जांच जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने अब तक कितने अधिकारियों और संस्थानों को गुमराह किया है।

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