Homeविश्व'हम चुपचाप नहीं बैठेंगे, धमकियों से नहीं डरेंगे', ट्रंप के टैरिफ पर...

‘हम चुपचाप नहीं बैठेंगे, धमकियों से नहीं डरेंगे’, ट्रंप के टैरिफ पर चीन का जवाब

अमेरिका ने चीन के साथ व्यापारिक तनाव को और बढ़ाते हुए बीजिंग से आयातित सामानों के ऊपर टैरिफ को 104 प्रतिशत से और बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया। इसपर चीन ने गुरुवार को कहा कि वह टकराव नहीं चाहता है, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी आयात पर टैरिफ बढ़ाकर 125 प्रतिशत करने के बाद वह अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेगा। चीनी वाणिज्य मंत्रालय की प्रवक्ता ही योंगकीन ने मीडिया से बात की।

हमारा दरवाजा खुला है: चीन 

उन्होंने कहा, “चीन की स्थिति स्पष्ट और अटल है। अगर अमेरिका बात करना चाहता है तो हमारा दरवाजा खुला है, लेकिन बातचीत आपसी सम्मान और समानता के आधार पर होनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “अगर अमेरिका लड़ना चाहता है, तो हमारा जवाब आख़िर तक जारी रहेगा। दबाव, धमकी और जबरदस्ती चीन से निपटने का सही तरीका नहीं है।” चीन ने अमेरिका के टैरिफ पर जवाबी टैरिफ़ लगाया है जो बढ़ कर 84 फीसदी हो गया है। इसके बाद अमेरिका ने एक बार फिर चीन पर टैरिफ लगाया है और अब उस पर उसका टैरिफ़ 104 फीसदी तक जा पहुंचा है।

चीनी विदेश मंत्रालय ने वीडियो जारी कर दी धमकी

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने सोशल मीडिया पर माओ जेदोंग का एक पुराना वीडियो साझा किया। यह वीडियो साल 1953 में अमेरिका और चीन के बीच युद्ध के समय का है। वीडियो साझा करते हुए माओ निंग ने लिखा कि ‘हम चाइनीज हैं और हम उकसावे से डरने वाले नहीं हैं। न ही हम पीछे हटेंगे।’ चीनी विदेश मंत्रालय ने जो वीडियो साझा किया है, उसमें माओ जेदोंग कहते दिख रहे हैं कि ‘ये लड़ाई कब तक चलेगी, हम ये तय नहीं कर सकते।

पहले राष्ट्रपति ट्रूमैन ने ये लड़ाई लड़ी, अब राष्ट्रपति आइजनहावर को लड़नी पड़ेगी और जो भी अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनेगा, उसे भी लड़नी होगी। अब ये उन पर है कि वे लड़ाई जारी रखना चाहते हैं या खत्म करना चाहते हैं। चाहे ये युद्ध कितना भी लंबा चले, लेकिन हम झुकने वाले नहीं हैं। हम तब तक लड़ाई जारी रखेंगे, जब तक हमारी जीत नहीं हो जाती।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version