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छत्तीसगढ़ में नहीं कम हो रही नक्सलियों की दहशत, दो लोगों की हत्या; पिछले 15 दिनों में मारे गए छह लोग

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थित पिलूर गांव के जंगलों में मंगलवार को दो लोगों की हत्या कर दी गई। मृतकों में से एक की पहचान विनोद माडे के रूप में हुई, जो एक स्थानीय शिक्षक (शिक्षा दूत) थे। खबरों के अनुसार, माओवादियों ने उन्हें सोमवार शाम को अगवा कर लिया था। 

विनोद का शव और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति का शव फरसगढ़ पुलिस स्टेशन के पास मिला है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस माओवादियों की तलाश में गांव पहुंच गई है।

पुलिस मुखबिरी के संदेह में हत्याएं

स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस मुखबिरी के संदेह में उनकी हत्याएं की गई हैं, हालांकि पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।

प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय मीडिया के अनुसार, नक्सलियों ने शवों के पास पर्चे छोड़े, जिसमें पीड़ितों पर सुरक्षा बलों को जानकारी देने का आरोप लगाया गया था।

इस घटना ने क्षेत्र में फिर से डर पैदा कर दिया है, जो लंबे समय से माओवादी विद्रोह का गढ़ रहा है।

पिछले दो हफ्तों में बीजापुर में ऐसी ही छह हत्याएं हो चुकी हैं, जिनमें दो छात्र भी शामिल हैं। माओवादियों ने मुखबिरी के शक में उनकी हत्या कर दी थी।

राज्य बनने के बाद से करीब 1800 लोगों की हत्या

2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से नक्सलियों ने बस्तर के सात जिलों में कम से कम 1,821 लोगों की हत्या की है, जिसमें बीजापुर में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। मृतकों में आम नागरिक, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली और निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल हैं।

इस बीच, सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया है और राज्य सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। यह समय सीमा इसी साल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तय की थी।

इससे पहले, 17 जून को बीजापुर जिले के पेडदाकोरमा गांव में नक्सलियों ने तीन ग्रामीणों (जिनमें एक 13 साल का स्कूली छात्र और एक 20 साल का कॉलेज छात्र शामिल था) की गला दबाकर हत्या कर दी थी। मृतकों की पहचान अनिल माडवी और सोमा मोडियाम के रूप में हुई थी।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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