Friday, October 10, 2025
HomeभारतCBI ने टाटा फर्म से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा,...

CBI ने टाटा फर्म से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा, 800 करोड़ के घोटाले का है आरोप

नई दिल्लीः केंद्रीय अन्वेष्ण ब्यूरो (CBI) ने टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (TCE) और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ एक मामला दर्ज कराया है। इन अधिकारियों और दो ड्रेजिंग कंपनियों पर आरोप है कि इन्होंने कथित तौर पर मुंबई के पास जहाज नौवहन चैनलों को गहरा करने के लिए कैपिटल ड्रेजिंग प्रोजेक्ट में 800 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताएं की हैं। 

सीबीआई ने कंपनी के अधिकारियों पर तीन साल की प्रारंभिक जांच के बाद यह कदम उठाया है। सीबीआई ने अपनी जांच में बढ़ा चढ़ाकर अनुमान लगाने, अंतर्राष्ट्रीय बोलीदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिस्पर्धा को दबाने और स्वतंत्र विशेषज्ञ संगठनों की रिपोर्टों को दबाने के बात पाई थी। 

इन लोगों के खिलाफ हुई FIR

सीबीआई ने अपनी एफआईआर में जेएनपीटी के मुख्य अभियंता सुनील कुमार मादभावी, टीसीई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर देवदत्त बोस, इंडिया एलएलपी के बोस्कालिस इंडिया, जन डी नुल ड्रेजिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य अज्ञात लोकसेवकों के खिलाफ आईपीसी की धारा-120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

बुधवार को एफआईआर दर्ज कराने के बाद सीबीआई ने मुंबई और चेन्नई के पांच इलाकों पर तलाशी अभियान चलाया। इसमें मादभावी, बोस और अन्य प्राइवेट कंपनियों के ऑफस शामिल हैं। 

इस बाबत सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान कैपिटल ड्रेजिंग प्रोजेक्ट से संबंधित दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और लोक सेवकों द्वारा किए गए निवेश को दर्शाने वाले दस्तावेज बरामद किए गए। हालांकि कंपनियों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। 

साल 2003 का मामला

यह मामला जेएनपीटी द्वारा 2003 में मुंबई बंदरगाह के साथ साझा किए गए नौवहन चैनल को गहरा और चौड़ा करने की परियोजना से संबंधित है, ताकि बड़े आकार के मालवाहक जहाजों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

टाटा फर्म को कैपिटल ड्रेजिंग फेज-1 परियोजना के लिए ड्रेजिंग गतिविधियों की योजना पर अंतिम रिपोर्ट तैयार करने के लिए शामिल किया गया था जिसे ड्रेजिंग सॉल्यूशन के सहयोग से 2010 में प्रस्तुत किया गया था। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि टीसीई को प्रोजेक्ट के लिए परियोजना प्रबंधन सलाहकार का काम भी दिया गया था जिसमें टेंडर के दस्तावेज तैयार करना और प्रोजेक्ट के निष्पादन की निगरानी का काम शामिल था।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा