Friday, October 10, 2025
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कनाडाः हिंदू मंदिर पर हमले का मुख्य आरोपी पन्नू का करीबी, गिरफ्तारी के बाद छोड़ा गया!

आटोवाः कनाडा के ब्रैम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर परिसर में 3 नवंबर को हुए हिंसक हमले में पील रीजनल पुलिस ने 35 वर्षीय इंदरजीत सिंह गोसल को गिरफ्तार किया है। गोसल सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) समूह का समन्वयक बताया जा रहा है। गोसल पर हिंसा भड़काने और श्रद्धालुओं पर हथियार से साथ हमला करने का आरोप है।

गिरफ्तारी के बाद रिहाई

गोसल को 8 नवंबर को गिरफ्तार किया गया लेकिन बाद में शर्तों के तहत रिहा कर दिया गया। रिपोर्टों की मानेंं तो उसे बाद में  ब्रैम्पटन की ओंटारियो कोर्ट में पेशी के लिए बुलाया जाएगा। गोसल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उसका विरोध केवल भारतीय सरकार और उसके अधिकारियों के खिलाफ था, न कि हिंदू समुदाय के खिलाफ। उसने कहा, “यह सिख और हिंदू की लड़ाई नहीं है, यह भारतीय सरकार के खिलाफ सिखों का विरोध है।”

कौन है इंदरजीत सिंह गोसल

इंदरजीत गोसल, सिख फॉर जस्टिस (SFJ) समूह के खालिस्तान जनमत संग्रह का मुख्य आयोजक माना जाता है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो वह गुरु पंथ के प्रमुख गुरपतवंत पन्नू का करीबी है। गोसल ने खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद इस आंदोलन की कमान संभाली। निज्जर की हत्या 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हुई थी, जिससे भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक रिश्ते बिगड़ गए थे। बताया जा रहा है कि हिंदू मंदिर पर हमले की योयना गोसल ने ही बनाई थी।

पुलिस जांच जारी

गौरतलब है कि हिंदू सभा मंदिर पर हमले के बाद चौतरफा आलोचना झेल रही कनाडा सरकार एक्शन में है। पील पुलिस ने इस घटना के बाद गहरी जांच शुरू की है। 21 डिवीजन क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो और स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के अधिकारियों ने वीडियो फुटेज की जांच की, जिसमें लोगों को फ्लैग्स और डंडों का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे इस हिंसक प्रदर्शन से जुड़े अन्य संदिग्धों की पहचान करने के प्रयास में हैं।

गुरुवार को पुलिस ने रणेंद्र लाल बनर्जी (57) को नफरत फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। साथ ही दो अन्य आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। जिन पर हथियार से हमले की साजिश रचने और धमकियाँ देने का आरोप है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि और गिरफ्तारी की उम्मीद है क्योंकि कई और संदिग्धों की पहचान की जा रही है।

मंदिर में पुलिस अधिकारी की संदिग्ध भूमिका

वहीं, इस घटना से जुड़ी एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है, जब वीडियो में एक पुलिस अधिकारी को रविवार को मंदिर में घुसते हुए दिखाया गया। इस मामले में पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है, और इसकी जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि एसआईटी को 3 और 4 नवंबर की घटनाओं से संबंधित सैकड़ों वीडियो मिले हैं, जिनकी जांच जारी है। इसके साथ ही पुलिस ने यह संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।

बता दें कि 3 नवंबर को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर के बाहर काफी संख्या में खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन कर रहे थे। यह विरोध प्रदर्शन अचानक हिंसा में तब्दील हो गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तानी झंडों और लाठियों का इस्तेमाल कर मंदिर में आए हिंदू कनाडाई श्रद्धालुओं पर हमला किया। घटना के कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिनमें प्रदर्शनकारियों को झंडों के साथ मारपीट और लोगों को चोट पहुंचाते हुए देखा जा सकता है।

भारत सरकार ने ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा की कड़ी निंदा की थी और सुरक्षा की मांग की थी। कई विपक्षी नेताओं ने भी इस हमले की आलोचना की थी। वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ऐसी हिंसा को “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताते हुए कहा था कि  हर नागरिक की धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है।

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