बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में एक और बदलाव हुआ है। पार्टी अध्यक्ष मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया है। इस संबंध में फैसला गुरुवार को हुआ। करीब तीन महीने पहले ही आकाश आनंद को पार्टी का चीन नेशनल कॉर्डिनेटर यानी मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया था। अप्रैल में आकाश आनंद को दोबारा पार्टी में शामिल किया गया था। इसके बाद 19 मई को उन्हें राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि पार्टी में अब इस पद (मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक) को हटा दिया गया है। पार्टी ने नए पद को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी भी नहीं दी है। हालांकि, दोनों पदों के कामकाज और इनका दायरा एक ही है। अब राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर आकाश आनंद देश भर में पार्टी मामलों के प्रबंधन की संगठनात्मक जिम्मेदारी संभालेंगे।
आकाश आनंद का प्रोमोशन! क्या है इसके मायने?
मायावती क्या अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त कर कोई संदेश देना चाह रही हैं, इसे लेकर अटकलें जारी हैं। बसपा के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि आकाश आनंद के इस ‘प्रोमोशन’ से उन्हें जल्द ही और बड़ी जिम्मेदारी मिलने का रास्ता साफ हो सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार बसपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘इस बदलाव के साथ यह स्पष्ट है कि आकाश की अगली पदोन्नति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में होगी। यही संदेश हमें इस घटनाक्रम से मिल रहा है। आकाश देश भर में यात्रा करते रहेंगे, जैसा कि वे मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में कर रहे थे।’
10 सितंबर से बिहार में ‘युवा अधिकार यात्रा’
अखबार के अनुसार आकाश पार्टी के भीतर लगातार बढ़ती संगठनात्मक जिम्मेदारियों को संभाल रहे हैं। 10 सितंबर से वह बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ‘युवा अधिकार यात्रा’ शुरू करेंगे। बसपा सूत्रों ने बताया है कि यह यात्रा पलायन, रोजगार और शिक्षा के मुद्दों पर केंद्रित होगी और कैमूर से शुरू होगी।
बिहार में 15 जिलों से यह यात्रा गुजरेगी। इस दौरान मायावती की चार रैलियां भी आयोजित होनी हैं। दरअसल, बसपा ने बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, हालांकि उसका ध्यान मुख्यतौर पर 50 सीटों पर रहेगा।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बसपा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) के साथ मिलकर बिहार में तीसरा मोर्चा बनाया था। तब 78 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली बसपा को एक सीट पर जीत मिली थी।
हालाँकि, पार्टी के एकमात्र विधायक जमा खान कुछ महीने बाद ही जदयू में शामिल हो गए थे। वे वर्तमान में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी हैं। रालोसपा ने 99 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई। एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और पाँच पर जीत हासिल की थी।
बसपा में आकाश आनंद का सफर
आकाश आनंद को पहली बार 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद बसपा का राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया था। उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालाँकि, मई 2024 में लोकसभा चुनावों के दौरान सीतापुर में एक चुनावी भाषण के दौरान विवादित बयान देने के आरोप में मामला दर्ज होने के बाद मायावती ने उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक और अपने उत्तराधिकारी दोनों पदों से हटा दिया था।
मायावती ने हालांकि कुछ दिन बाद ही उन्हें दूसरा मौका देते हुए पिछले साल जून में राष्ट्रीय समन्वयक और अपने उत्तराधिकारी दोनों के पद पर बहाल कर दिया। इसके बाद इस साल फिर मार्च में आकाश को राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटा दिया गया और निष्कासित भी कर दिया गया था। इसके करीब दो महीने बाद मायावती ने फिर मन बदला और आकाश को पार्टी का मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया।
आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक बनाने के अलावा गुरुवार को मायावती ने राष्ट्रीय समन्वयकों की संख्या भी तीन से बढ़ाकर छह कर दी। लालजी मेधांकर, अतर सिंह राव और धर्मवीर सिंह अशोक को भी राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया। ये तीनों रामजी गौतम, राजाराम और रणधीर सिंह बेनीवाल के साथ पार्टी के प्रदेश से जुड़े मामले देखेंगे। सभी छह जाटव दलित समुदाय से हैं।
मायावती ने इसके अतिरिक्त अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) से आने वाले विश्वनाथ पाल को बसपा की उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया।