लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने राज्यसभा के पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में बहाल कर दिया है। इससे पहले सिद्धार्थ ने अपनी गलतियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में अशोक सिद्धार्थ को मायावती ने पार्टी से निकाल दिया था।
बसपा सुप्रीमो ने एक्स पर इसकी जानकारी दी है। मायावती ने कहा कि सिद्धार्थ ने सार्वजनिक रूप से अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी और आश्वासन दिया है कि बहुजन समाज और बसपा नेतृत्व को पार्टी के प्रति अपनी पूर्ण निष्ठा के बारे में कहा है। मायावती ने कहा कि उन्होंने डॉ. बी. आर अंबेडकर के नेतृत्व में स्वाभिमान और गरिमा के आंदोलन को बढ़ाने के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित करने का निर्णय लिया है।
मायावती ने एक्स पर किया पोस्ट
मायावती ने एक्स पर लिखा “उन्हें बसपा से निष्कासित करने का फैसला तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है, यानी उन्हें पार्टी में फिर से शामिल कर लिया गया है। उम्मीद है कि पार्टी के बाकी कार्यकर्ताओं की तरह वे भी पार्टी और आंदोलन को आगे बढ़ाने में पूरे मन से योगदान देंगे।”
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उन्होंने आगे लिखा “उम्मीद है कि पार्टी के अन्य सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं की तरह वे भी पूरे तन, मन, धन से पार्टी व मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने में अपना भरपूर योगदान ज़रूर देंगे, ताकि बी.एस.पी. के नेतृत्व में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का कारवाँ आगे बढ़ता हुआ बहुजन समाज को शोषित वर्ग से ऊपर उठाकर यहाँ प्रदेश एवं देश का शासक वर्ग बना सके।”
अशोक सिद्धार्थ कौन हैं?
अशोक सिद्धार्थ मायावती के भतीजे आकाश आनंद के ससुर हैं। इसी साल फरवरी में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उन पर पार्टी में अलग धड़ा बनाने के भी आरोप लगे थे। उन्हें पार्टी से निकालने से पहले मायावती ने दावा किया था कि उन्होंने पूर्व राज्यसभा सांसद को चेतावनी दी थी।
डॉ. अशोक सिद्धार्थ ने दक्षिणी राज्यों के प्रभारी भी थे। फरवरी में उनके साथ मेरठ जिले से नितिन सिंह को भी पार्टी से निष्कासित किया गया था।
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सिद्धार्थ को पार्टी में ‘डॉक्टर’ कहा जाता है। वह फर्रूखाबाद जिले से रहने वाले हैं। साल 2000 में उन्हें बसपा जिला प्रभारी के तौर पर नियुक्त किया गया था। उन्हें फर्रूखाबाद में बसपा एवं पिछड़े एवं अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ (बामसेफ) का जिला संयोजक नियुक्त किया गया था।
साल 2009 में उन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्या बनाया गया। वहीं, 2016 में उन्हें पार्टी की तरफ से राज्यसभा भेजा गया। साल 2023 में मायावती के भतीजे आकाश की शादी अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा से हुई थी। आकाश को मायावती के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है। हालांकि, उन्हें भी कुछ दिनों पहले पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
हालांकि, बाद में उनकी वापसी हो गई थी। इसके कुछ दिनों बाद उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ की भी पार्टी में वापसी हुई है।