Homeसाइंस-टेकसिग्नल नहीं होने पर भी BSNL, जियो, एयरटेल यूजर अब किसी नेटवर्क...

सिग्नल नहीं होने पर भी BSNL, जियो, एयरटेल यूजर अब किसी नेटवर्क पर कर सकेंगे 4G सेवाओं का इस्तेमाल

नई दिल्ली: जियो, बीएसएनएल और एयरटेल यूजर अब किसी भी उपलब्ध नेटवर्क का उपयोग करके कॉल कर सकते हैं, भले ही उनके अपने सिम का सिग्नल नहीं आ रहा हो। केंद्र सरकार ने डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) द्वारा वित्त पोषित 4G मोबाइल साइटों को प्रदर्शित करने वाले एक कार्यक्रम के दौरान इंट्रा सर्कल रोमिंग (आईसीआर) सुविधा लॉन्च की है।

इसका मतलब है कि किसी भी नेटवर्क के यूजर डीबीएन-की फंडिंग वाले टावर के माध्यम से 4जी सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कंपनियों के लिए भी फायदेमंद है और साथ ही इससे हर कंपनी के लिए अलग-अलग टावरों की जरूरत भी कम होगी।

कैसे करेंगे दूसरे नेटवर्क का इस्तेमाल?

दरअसल, अभी BSNL, Airtel और Reliance Jio डीबीएन द्वारा वित्तपोषित मोबाइल टावरों पर अपने नेटवर्क साझा करने के लिए सहयोग कर रही हैं। इस पहल से अलग-अलग कंपनियों के अलग टावर की जरूरत खत्म होगी। टावर कम लगेंगे और एक ही टावर से कई दूसरी कंपनियों के यूजर नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे।

एक तरह से कंपनियों की ओर से भी बेहतर मोबाइल सेवाएं बिना अधिक लागत खर्च किए उपभोक्ताओं को दी जा सकेगी। इस पहल का लक्ष्य अभी लगभग 27,000 टावरों का उपयोग करते हुए 35,400 से अधिक ग्रामीण और दूरदराज के गांवों के लिए 4जी कनेक्टिविटी को बढ़ाना है।

बता दें कि डिजिटल भारत निधि (DBN) को पहले यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) के नाम से जाना जाता था। यह मोबाइल टॉवरों की स्थापना के लिए धन मुहैया कराकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है। ये टॉवर उन जगहों पर भी मोबाइल नेटवर्क के इस्‍तेमाल को आसान बनाते हैं, जहां पहुंच काफी सीमित या मुश्किल होती है।

फिलहाल वही यूजर्स, सिग्नल ड्रॉप के बगैर सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं जिनके टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर ने डीबीएन के सपोर्ट से टावर लगाया है। यानी बीएसएनएल, जियो, एयरटेल को छोड़ दूसरी टेलीकॉम कंपनियों के ग्राहक अभी इन टॉवरों का लाभ नहीं उठ सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version