हैदराबादः बीजू जनता दल (BJD) के बाद अब भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने भी मंगलवार (9 सितंबर) को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट न देने का फैसला लिया है। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
केटीआर ने इस संबंध में कहा “पार्टी अध्यक्ष और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और अन्य पार्टी नेताओं के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया।” उन्होंने आगे कहा कि इस पार्टी के इस निर्णय के बारे में राज्यसभा के सासंदों को जानकारी दी गई है और वोटिंग में भाग न लेने को कहा गया है।
बीआरएस से पहले बीजेडी ने भी किया था किनारा
इससे पहले उड़ीसी की बीजू जनता दल (बीजेडी) ने भी उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने से इंकार किया था। भारत राष्ट्र समिति के पास वर्तमान में चार राज्यसभा सांसद हैं और लोकसभा में एक भी सांसद नहीं है।
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्णायक मंडल द्वारा किया जाता है। इसमें लोकसभा, राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य और उच्च सदन के मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं।
साल 2022 में हुए उपराष्ट्रपति के चुनाव में बीआरएस (टीआरएस) ने विपक्ष के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को वोट दिया था। उस समय पार्टी के पास 16 सांसद थे। इसमें 9 लोकसभा में और 7 राज्यसभा से थे।
9 सिंतबर (मंगलवार) को उपराष्ट्रपति चुनाव जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद हो रहे हैं। उन्होंने इसी साल 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था। मानसून सत्र के पहले ही दिन उन्होंने राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपा था।
केटीआर ने कहा कि हालांकि दोनों ही उम्मीदवार एनडीए के सी पी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के जस्टिस सुदर्शन रेड्डी अच्छे उम्मीदवार हैं। लेकिन उन्होंने तेलंगाना के किसानों की चिंताओं को उजागर करने के लिए वोट न करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
केटीआर ने क्या कहा?
उन्होंने कहा “उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग न लेने का फैसला तेलंगाना के किसानों की राज्य में यूरिया की कमी को लेकर वेदना का प्रतीक है।”
केटीआर ने भाजपा और कांग्रेस पर यूरिया की कमी को दूर करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूरिया के लिए किसान लाइनों में खड़े रहते हैं और इसके चलते आपस में झड़प हो रही है।
उन्होंने आगे कहा “यदि उपराष्ट्रपति के चुनाव में नोटा का विकल्प होता तो बीआरएस इसका इस्तेमाल करता। चूंकि यह नहीं है, इसलिए हम भाग नहीं ले रहे हैं।”
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रवक्ता और भोंगीर से सासंद चमाला किरण कुमार रेड्डी ने मतदान से दूर रहने के बीआरएस के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा “राज्य में यूरिया की कमी के बहाने उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान न करने का बीआरएस का दावा बेतुका है।”
कांग्रेस सांसद ने कहा कि विपक्षी उम्मीदवार जस्टिस सुदर्शन रेड्डी किसी भी पार्टी से नहीं हैं और लोकतंत्र की अच्छी समझ रखते हैं।