ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की घोषणा की है। संयुक्त राज्य अमेरिका और इजराइल के विरोध के बावजूद इन देशों ने रविवार, 21 सितंबर को औपचारिक रूप से मान्यता देने की घोषणा की है। इजराइल ने इस फैसले की आलोचना की है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने कहा कि इन कदम को उठाने का उद्देश्य फिलिस्तीन और इजराइल के नागरिकों के लिए शांति की आशा को पुनर्जीवित करना है। उन्होंने इस बाबत एक्स पर एक पोस्ट भी किया। एक्स पर किए गए पोस्ट में स्टार्मर ने लिखा कि भविष्य के फिलिस्तीनी राज्य में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा बंदी बनाए गए इजराइली नागरिकों को रिहा करना होगा।
किएर स्टार्मर ने जुलाई में की थी घोषणा
इससे पहले जुलाई में स्टार्मर ने घोषणा की थी कि यूनाइटेड किंगडम फिलिस्तीन को मान्यता देगा। ब्रिटिश उप प्रधानमंत्री डेविड लैमी ने कहा कि हम फिलिस्तीनी प्राधिकरण में काम कर रहे हैं और हमें गाजा, पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम दोनों के बच्चों के लिए दो राज्यों को जीवित रखना है।
इसी तरह टोरंटो में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भी फिलिस्तीन को राज्य का दर्जा देने के फैसले की पुष्टि की। कार्नी ने भी एक्स पर एक बयान साझा किया। उन्होंने एक्स पर किए गए पोस्ट में लिखा कि कनाडा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देता है और फिलिस्तीन राज्य और इजराइल दोनों के लिए एक शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण में अपनी भागीदारी की पेशकश करता है।
मार्क कार्नी ने कहा कि फिलिस्तीन को मान्यता देने का उद्देश्य शांति चाहने वाले लोगों को मजबूत करना है। कार्नी ने आगे कहा कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण के नेतृत्व में फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देना उन लोगों को सशक्त बनाता है जो शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और हमास के अंत की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि यह किसी भी तरह से आतंकवाद को वैध नहीं ठहराता है और न ही यह उसका कोई पुरस्कार है।
ब्रिटेन और कनाडा के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया ने भी फिलिस्तीन को मान्यता दी है। ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि वह फिलिस्तीन राज्य को मान्यता दे रहा है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज ने इस बाबत एक्स पर एक बयान साझा किया है।
संयुक्त राष्ट्र में ये देश पहले ही दे चुके हैं मान्यता
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के 145 सदस्य देश फिलिस्तीन राज्य को मान्यता दे चुके हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि फ्रांस भी सोमवार, 22 सितंबर को फिलिस्तीन को मान्यता देगा। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां सऊदी अरब के साथ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में यह घोषणा कर सकते हैं।
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संयुक्त राज्य अमेरिका और इजराइल ने इन देशों द्वारा फिलिस्तीन को दी गई मान्यता की आलोचना की है और कहा कि ये हमास को फायदा पहुंचाते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा को धमकी दी है। उन्होंने कहा कि कनाडा के इस फैसले से अमेरिका के साथ व्यापारा वार्ता करना काफी मुश्किल हो गया है।
वहीं, बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली सरकार ने दो राज्यों के गठन के समाधान को अस्वीकार कर दिया है।