Friday, October 10, 2025
Homeभारतबीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर, अब...

बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर, अब तक क्या-क्या हुआ?

पटनाः बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) परीक्षा को लेकर 18 दिसंबर से ही परीक्षार्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को अभ्यर्थियों के समर्थन में जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे गए। इस बीच, बिहार के पूर्णिया से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने शुक्रवार को छात्रों के समर्थन में चक्का जाम का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह परीक्षा हर कीमत पर रुकेगी। हम छात्रों के लिए लड़ते रहेंगे।

परीक्षा और अनियमितताओं के आरोप

यह परीक्षा 6 दिसंबर 2024 से ही सुर्खियों में है। इसका विज्ञापन सितंबर 2024 में जारी हुआ था। 2031 पदों के लिए आयोजित इस परीक्षा में 4.83 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, जिनमें से 3.25 लाख ने परीक्षा दी। यह हाल के वर्षों में सबसे बड़ी वैकेंसी के रूप में चर्चित रही, जिसमें एसडीएम, डीएसपी और अन्य राजपत्रित पद शामिल हैं।

13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा में सामान्य ज्ञान के 150 प्रश्न शामिल थे। पटना के बापू परीक्षा केंद्र में प्रश्न पत्र देर से मिलने के कारण हंगामा हुआ, जिसके बाद 12 हजार अभ्यर्थियों के लिए दोबारा परीक्षा की घोषणा हुई। छात्रों ने परीक्षा में अनियमितताओं, प्रश्न पत्र की गुणवत्ता और कोचिंग संस्थानों के मॉडल पेपर से सवाल मेल खाने का आरोप लगाया।

परीक्षा के दौरान पेपर लीक के दावे भी सामने आए। हालांकि, आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। फिर भी, बिहार का रिकॉर्ड पेपर लीक मामलों में सवालों के घेरे में रहा है। 2012 से अब तक 10 पेपर लीक के मामलों में 545 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। 2022 में बीपीएससी की 67वीं प्रारंभिक परीक्षा और शिक्षक भर्ती परीक्षा भी पेपर लीक के कारण रद्द हुई थी।

छात्र आंदोलन और अनशन

18 दिसंबर से सभी 912 केंद्रों की दोबारा प्रारंभिक परीक्षा की मांग को लेकर गर्दनीबाग में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 25 दिसंबर को बीपीएससी की तैयारी कर रहे एक छात्र (सोनू कुमार) ने अपने कमरे में आत्महत्या कर ली थी। छात्रों का कहना है कि परीक्षा रद्द कर फिर से आयोजित की जाए।

दिसंबर महीने में ही विरोध प्रदर्शन कर रहे परीक्षार्थियों पर तीन बार लाठीचार्ज हो चुका है। 29 दिसंबर को गांधी मैदान में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया और उन्हें भगाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस घटना के बाद इस मामले ने और तुल पकड़ लिया।

31 दिसंब को अभ्यर्थियों की मांग के समर्थन में वामपंथी और कांग्रेस विधायकों ने राजभवन तक का मार्च निकाला जिसे पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया। माकपा सांसद सुदामा प्रसाद ने बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक की जांच, पुनर्परीक्षा और आत्महत्या करने वाले सोनू कुमार के परिवार को मुआवजा देने की मांग की। विधायक महबूब आलम ने बीपीएससी परीक्षा रद्द कर पुनः आयोजन की अपील की, जबकि कांग्रेस विधायक शकी अहमद खान ने छात्रों पर बल प्रयोग को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

प्रशांत किशोर का प्रशासन को अल्टीमेटम

इसी बीच जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर छात्रों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठ गए। उन्होंने राज्य सरकार पर युवाओं के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि पिछले 10 वर्षों से हर बड़ी परीक्षा में भ्रष्टाचार और अनियमितता हो रही है।

प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि यदि छात्रों की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज होगा। प्रशांत किशोर को पटना जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर मैदान खाली करने का आदेश दिया है। प्रशासन ने चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन द्वारा गांधी मैदान खाली करने के आदेश को प्रशांत किशोर ने “लोकतांत्रिक अधिकार का उल्लंघन” करार दिया और कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, वे अनशन जारी रखेंगे। बिहार के युवाओं के साथ पिछले दस वर्षों से जो अन्याय हो रहा है, उस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।”

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, “नीतीश कुमार ने बेरोजगारी भत्ते का वादा किया था, लेकिन आज तक किसी को एक रुपया भी नहीं मिला। हर परीक्षा में पेपर लीक हो रहे हैं, और जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।”

प्रशांत किशोर ने बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने, सरकारी नौकरी में बिहार के युवाओं को प्राथमिकता देने, और शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर लाठीचार्ज रोकने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों में 87 से अधिक प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया। प्रशासन ने उन्हें वैकल्पिक स्थल पर जाने का सुझाव दिया है, लेकिन प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि वे अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए मैदान में डटे रहेंगे।

पप्पू यादव के नेतृत्व में छात्रों का एनएच 31 पर प्रदर्शन

बेगूसराय में सांसद पप्पू यादव के नेतृत्व में छात्रों ने एनएच 31 पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। युवा शक्ति नेता पिंटू कुमार के नेतृत्व में छात्रों ने पावर हाउस चौक पर सुबह से विरोध जताया, जिससे लंबा जाम लग गया। छात्रों ने कहा कि नीतीश सरकार तानाशाह बन गई है और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर रही है।

पप्पू यादव ने पटना में आंदोलन तेज करते हुए कहा, “हम छात्रों के अधिकारों के लिए मरते दम तक लड़ेंगे। पेपर लीक जैसे मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे। हमारी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी।” प्रशासन अलर्ट पर है, जबकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तो आंदोलन और उग्र होगा। छात्र संगठनों ने परीक्षा पुनः कराने की मांग पर सरकार के रवैये की आलोचना की है।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा