Friday, October 10, 2025
Homeभारत'आई लव यू' कहना नहीं है यौन उत्पीड़न, बॉम्बे हाई कोर्ट ने...

‘आई लव यू’ कहना नहीं है यौन उत्पीड़न, बॉम्बे हाई कोर्ट ने पॉक्सो मामले में एक व्यक्ति को किया बरी

मुंबईः बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने पॉक्सो मामले में दोषी सिद्ध किए जा चुके एक व्यक्ति को बरी करते हुए कहा कि ‘आई लव यू’ कहना यौन उत्पीड़न नहीं है। अदालत ने कहा यह सिर्फ भावना की अभिव्यक्ति है, यह “यौन इरादे” के समान नहीं है। 

जस्टिस उर्मिला जोशी फाल्के ने इस मामले में सुनवाई करते हुए 35 वर्षीय युवक को बरी कर दिया। व्यक्ति पर 2015 में एक किशोरी के साथ छेड़छाड़ का मामला दर्ज हुआ था।

पॉक्सो के तहत ठहराया गया था दोषी 

मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने यौन कृत्यों की व्याख्या करते हुए कहा कि इसमें अनुचित स्पर्श, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से की गई टिप्पणी, अभद्र इशारे करना, जबरन कपड़े उतारना शामिल है। 

इससे पहले नागपुर की जिला अदालत ने साल 2017 में भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के तहत व्यक्ति को दोषी ठहराया था और तीन साल के कारावास की सजा भी सुनाई थी।

व्यक्ति पर आरोप है कि उसने 17 वर्षीय लड़की का हाथ पकड़कर उससे ‘आई लव यू’ कहा था। लड़की के स्कूल से लौटने के दौरान व्यक्ति ने ऐसा किया था। 

परिवार ने दर्ज कराई थी एफआईआर

इसके बाद लड़की ने घर जाकर अपने पिता से इसकी शिकायत की और एफआईआर दर्ज कराई। हालांकि, हाई कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान व्यक्ति की दोषसिद्धि को रद्द कर दिया और कहा कि ऐसी कोई भी परिस्थिति नहीं है जो यह संकेत दे कि उसका इरादा लड़की के साथ यौन संपर्क बनाने का था। 

अदालत ने कहा ” ‘आई लव यू’ जैसे शब्द अपने आप में यौन इरादे के समान नहीं है जैसा कि विधायिका ने माना है।” 

अदालत ने आगे कहा कि आई लव यू के अलावा कुछ और होना चाहिए जो यह दिखाता हो कि ऐसा सेक्स के पहलू को घसीटना था। इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला छेड़छाड़ या यौन उत्पीड़न के मामले में नहीं आता है। 

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यदि कोई यह कहता है कि वह किसी के साथ प्यार में है या अपनी भावनाएं व्यक्त करता है तो यह कोई यौन इरादे को नहीं दर्शाता है। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा