Friday, October 10, 2025
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डिंपल यादव पर भद्दी टिप्पणी के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शन, लखनऊ में मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ FIR

लखनऊ: लखनऊ पुलिस ने रविवार देर रात इस्लामी धर्मगुरु मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ एक टेलीविजन चैनल पर डिबेट शो के दौरान समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद डिंपल यादव के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक और महिला विरोधी टिप्पणी करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कर ली है। दूसरी ओर एनडीए सांसदों ने साजिश रशीदी के बयान को लेकर विरोध जताते हुए सोमवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। 

यह पूरा मामला कुछ दिन पहले मस्जिद में मीटिंग वाले प्रकरण से जुड़ा है। मानसून सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसद डिंपल यादव सहित कुछ नेता संसद भवन के बगल में मौजूद मस्जिद में बैठक करते नजर आए थे। मीटिंग की तस्वीरें सामने आने के बाद विवाद शुरू हो गया था और भाजपा ने सपा को आड़े हाथों लेते हुए मस्जिद का इस्तेमाल राजनीति के लिए करने का आरोप लगाया था। 

वहीं, रशीदी ने रिपब्लिक टीवी चैनल पर डिबेट शो के दौरान मस्जिद में बैठीं डिंपल यादव के कपड़ों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। डिंपल साड़ी में मस्जिद में बैठीं नजर आई थीं।

बहरहाल, भाजपा सहित एनडीए के अन्य सांसदों ने सोमवार को संसद के मकर द्वार पर प्रदर्शन किया। भाजपा ने रशीदी के बयान को महिलाओं का अपमान बताया। दिलचस्प ये है कि पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी प्रमुख और डिंपल यादव के पति अखिलेश यादव का बयान सामने नहीं आया है। डिंपल यादव के ‘सम्मान’ को लेकर भाजपा ने मोर्चा खोला है, उससे अखिलेश के लिए भी इस पर प्रतिक्रिया देना आसान नहीं होगा।

लखनऊ में मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ एफआईआर

गोमतीनगर के विकल्प खंड निवासी प्रवेश यादव ने शनिवार को मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। यादव ने अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया कि मौलाना साजिद ने मीडिया के मंच पर अपमानजनक और अभद्र टिप्पणी की, जिससे एक महिला की व्यक्तिगत गरिमा को ठेस पहुँची। साथ ही समाज में धार्मिक और सांप्रदायिक वैमनस्य भड़काने का भी आरोप लगाया गया। 

डीसीपी (पूर्वी क्षेत्र) शशांक सिंह ने बताया कि मौलाना साजिद के खिलाफ विभूतिखंड थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 79 (महिलाओं का अपमान करना), 196 (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाना), 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना), भारतीय राष्ट्रीय राइफल्स (बीएनएस) की धारा 352 (जानबूझकर अपमान करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। डीसीपी (पूर्वी क्षेत्र) ने कहा, ‘मामले की आगे की जाँच जारी है।’

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