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वक्फ बिल पर BJD का यू-टर्न, पहले विरोध; अब कहा- सांसदों को अपने मन से वोटिंग की छूट

बीजू जनता दल ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपना रुख बदल दिया है। लोकसभा में बिल के पेश किए जाने के बाद बीजेडी ने इसके खिलाफ स्टैंड लिया था। लेकिन बावजूद इसके बिल लोकसभा से पारित हो गया। अब संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में बिल पर बहस हो रही है। अब बीजेडी ने भी अपना स्टैंड बदल लिया है और पार्टी के सांसदों को अंतर्आत्मा की आवाज सुनने को कहा है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि वोटिंग के लिए कोई व्हिप जारी नहीं किया जाएगा।

वक्फ बिल पर बीजेडी का यू-टर्न

बीजू जनता दल के वरिष्ठ नेता सस्मित पात्रा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर इस संबंध में पोस्ट कर कहा, ‘बीजू जनता दल ने हमेशा धर्मनिरपेक्षता और समावेशिता के सिद्धांतों को कायम रखा है तथा सभी समुदायों के अधिकारों को सुनिश्चित किया है। हम वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के बारे में अल्पसंख्यक समुदायों के विभिन्न वर्गों द्वारा व्यक्त की गई विविध भावनाओं का गहराई से सम्मान करते हैं।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘हमारी पार्टी ने इन विचारों पर सावधानीपूर्वक विचार करते हुए राज्य सभा में हमारे माननीय सदस्यों को न्याय, सद्भाव और सभी समुदायों के अधिकारों के सर्वोत्तम हित में अपने विवेक का प्रयोग करने की जिम्मेदारी सौंपी है। यदि विधेयक मतदान के लिए आता है, तो अपनी अंतर्आत्मा की आवाज सुनें। पार्टी इसके लिए कोई व्हिप जारी नहीं करेगी।’

एनडीए के पास 119 सांसद

राज्यसभा में एनडीए के पास 119 सांसद हैं, जो बहुमत के लिए जरूरी 118 से सिर्फ एक ज्यादा है। बीजेडी के पास 7 सांसद हैं, और अगर ये सभी बिल के खिलाफ वोट करते, तो सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती थी। लेकिन अब बीजेडी सांसदों के स्वतंत्र वोटिंग के फैसले से यह संभावना बढ़ गई है कि कुछ सांसद बिल के पक्ष में जा सकते हैं या कम से कम वोटिंग से दूर रह सकते हैं। इसे एनडीए के लिए ‘पुराने दोस्त’ बीजेडी की ओर से अप्रत्यक्ष मदद के तौर पर देखा जा रहा है।

 

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