Thursday, October 9, 2025
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बिहार में 85 साल बाद CWC की बैठक, मुख्यमंत्री के चेहरे पर कांग्रेस चुप; महागठबंधन सीटों का पेंच भी सुलझेगा?

CWC बैठक में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ-साथ समिति के लगभग 170 सदस्य इस बैठक में भाग ले रहे हैं।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं। इस चुनावी सरगर्मी के बीच कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक बुधवार (24 सितंबर) को पटना में हो रही है। भारत की आजादी के बाद बिहार में पहली बार यह बैठक हो रही है। बिहार में पिछली बार CWC की बैठक 1940 में हुई थी। आज की बैठक पटना में सदाकत आश्रम में हो रही है, जो कभी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक प्रमुख केंद्र रहा।

बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ-साथ समिति के लगभग 170 सदस्य इस बैठक में भाग ले रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से मंगलवार को कहा गया था कि वह अभी बिहार चुनाव के लिए मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा करने की जल्दी में नहीं है। बिहार में चुनाव के बीच कांग्रेस की यह बड़ी बैठक बेहद अहम हो जाती है, खासकर इसे देखते हुए कि हाल में महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान की कुछ खबरें आई हैं। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग अक्टूबर में घोषणा कर सकता है।

महागठबंधन में सीट शेयरिंग का पेंच?

महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर सबसे बड़ी खींचतान राजद और कांग्रेस के बीच ही है। कांग्रेस ने अभी तक मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भी चुप्पी साध रखी है। दूसरी ओर राजद के तेजस्वी यादव लगातार सीएम चेहरे के तौर पर खुद को आगे बढ़ा रहे हैं। हाल में राहुल गांधी के ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान भी तेजस्वी ने खुद को सीएम चेहरे के तौर पर पेश किया था। इसके बाद उनका एक बयान और आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी 243 सीटों पर उनका ही चेहरा होगा। उन्होंने कहा था, ‘वोटरों से अपील है कि मेरे नाम पर वोट दें, भले कोई भी सीट हो।’

सीट बंटवारे पर महागठबंधन में किस तरह की खींचतान है, इसके कई उदाहरण हाल में सामने आए हैं। सीपीआई (एमएल) की ओर से हाल में बयान आया कि कांग्रेस को इस बार सीट बंटवारे में ज्यादा यथार्थवादी रूख अपनाना चाहिए। पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि कांग्रेस को 2020 के चुनाव से सबक लेना चाहिए, जब उन्होंने क्षमता से ज्यादा सीटें मांगी और प्रदर्शन बहुत कमजोर रहा। भट्टाचार्य ने इस बार करीब 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। पिछली बार उन्होंने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था।

सूत्रों के अनुसार दूसरी ओर कांग्रेस भी 75-76 सीटों की मांग कर रही है। मुकेश साहनी की वीआईपी ने करीब 60 सीटों पर दावेदारी की है। गठबंधन में दो नए सहयोगी रालोजपा और झामुमो के भी आना तय माना जा रहा है। इन्हें भी 5 से 7 सीटें मिल सकती है। दूसरी ओर बिहार में महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद खुद कम से कम 130 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। ऐसे में कुल मिलाकर चीजें अभी स्पष्ट नहीं हैं।

कांग्रेस 75 से कम सीटों पर होगी तैयार?

2020 के चुनाव में महागठबंधन बहुमत से पीछे रह गई थी और कई जानकारों से इसके पीछे की वजह कांग्रेस का खराब प्रदर्शन बताया था। कांग्रेस ने तब 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसके हिस्से में जीत केवल 19 सीटों पर आई। इस खराब स्ट्राइक रेट ने महागठबंधन की मुश्किल बढ़ाई। इस बार कांग्रेस पहले से ज्यादा ही सीटों की मांग कर रही है। सवाल है कि इसके पीछे आखिर क्या वजह है?

इसकी एक वजह हाल में राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ और लगातार ‘वोट चोरी’ का उठाया जा रहा मुद्दा है। राहुल गांधी की यह यात्रा 16 दिनों में बिहार के 25 जिलों से गुजरी और 1300 किमी की दूरी तय की गई। कांग्रेस इससे काफी उत्साहित है। पार्टी का मानना ​​है कि पटना में विस्तारित सीडब्ल्यूसी बैठक के साथ, वहचुनावों से पहले राज्य में अपनी गति बनाए रखने में सक्षम होगी।

इसके अलावा प्रियंका गांधी भी बिहार में चुनावी रैलियों में जोरशोर से हिस्सा लेने जा रही हैं। 26 सितंबर को प्रियंका गांधी की बिहार यात्रा प्रस्तावित है। वे सीमांचल और उत्तर बिहार में चुनावी रैली करेंगी। माना जा रहा है कि प्रियंका की पहली बड़ी सभा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए उत्साह बढ़ाने वाली होगी।

CWC में और किन विषयों पर होगी बात?

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पलायन, बेरोजगारी, अपराध और महिला सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा होगी। इस बैठक में 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और सभी कार्यसमिति सदस्य शामिल होंगे।

चर्चा चुनावी रणनीति और भाजपा के खिलाफ रणनीति पर केंद्रित रहने की उम्मीद है, खासकर पार्टी की ओर से लगातार उठाए जा रहे कथित चुनावी अनियमितताओं के खिलाफ अभियान को लेकर। पूर्व कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया ने कहा, ‘बिहार में चुनाव होने हैं, इसलिए इस संदर्भ में यह एक महत्वपूर्ण बैठक है। भारत जिन मुद्दों का सामना कर रहा है, जिन्हें सरकार स्वीकार नहीं करना चाहती, उन पर भी चर्चा की जाएगी।’

बैठक में उन प्रस्तावों को भी पारित किए जाने की संभावना है, जिनमें कांग्रेस द्वारा भाजपा पर चुनावी हेराफेरी के प्रयासों का आरोप लगाया गया है। इसमें बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और वोटर लिस्ट में हेरफेर के आरोप शामिल है।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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