वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को युक्तिसंगत बनाने और दरों में कटौती का स्वागत किया है। हालांकि, साथ ही इस कदम के समय पर भी कांग्रेस नेता ने सवाल उठाए हैं। चिदंबरम ने आश्चर्य जताया है कि सरकार को ये सुधार लाने में 8 साल क्यों लग गए। राज्यसभा सांसद चिदंबरम ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विपक्ष 2017 में इसकी शुरुआत से ही इसके खिलाफ चेतावनी दे रहा था।
चिदंबरम ने ये भी सवाल उठाया कि आखिर सरकार ने अचानक ऐसा कदम क्यों उठाया, इसके पीछे क्या कारण रहे। इस पर अटकलें लगाते हुए कांग्रेस नेता ने ‘सुस्त विकास, बढ़ता घरेलू कर्ज, घटती बचत, आगामी बिहार चुनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध’ जैसे कारणों को गिनाया है।
चिदंबरम ने लिखा, ‘यह अनुमान लगाना दिलचस्प होगा कि सरकार को ये बदलाव करने के लिए किन बातों ने प्रेरित किया- सुस्त विकास? बढ़ता घरेलू कर्ज? घटती घरेलू बचत? बिहार चुनाव? ट्रंप और उनके टैरिफ? ये सब?’
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 56वीं जीएसटी परिषद ने बुधवार को चार स्लैब वाली कर प्रणाली को घटाकर 5 और 18 प्रतिशत की दो दरों वाली कर दी है। इसी महीने 22 सितंबर से लागू होने वाले इस बदलाव से छोटी कारें, बाइक और कई उपभोक्ता वस्तुएँ सस्ती हो जाएँगी।
इसके अलावा साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर और हेयर ऑयल जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं पर अब 18 प्रतिशत की बजाय 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। साइकिल, बर्तन, दूध की बोतलें और बाँस के फर्नीचर जैसी वस्तुओं को भी निचले स्लैब में डाल दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन बदलावों का स्वागत करते हुए इन्हें ‘अगली पीढ़ी के सुधार’ बताया है और कहा है कि इनसे किसानों, एमएसएमई, मध्यम वर्ग, महिलाओं और युवाओं को लाभ होगा।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान, मैंने जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार लाने के हमारे इरादे के बारे में बात की थी। केंद्र सरकार ने व्यापक जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और प्रक्रियागत सुधारों के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है, जिसका उद्देश्य आम आदमी के जीवन को आसान बनाना और अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना है।’
टीएमसी ने कहा- ये जनता की जीत
दूसरी ओर बीमा प्रीमियम पर लगाए गए टैक्स को वापस लेने के फैसले पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इसे जनता की जीत करार दिया है। पार्टी ने कहा कि ये सरकार द्वारा ‘मजबूरी में लिया गया फैसला’ है। तृणमूल ने कहा कि जब तक जनता दबाव नहीं बनाती, तब तक यह सरकार लोगों की नहीं सुनती।
टीएमसी के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर कहा गया, ‘यह आम लोगों की जीत है। यह सरकार तब तक कुछ नहीं सुनती जब तक मजबूर न हो जाए।’ तृणमूल ने दावा किया कि ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर पहले दिन से ही केंद्र को चेताया था। गौरतलब है कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी घटाने का फैसला लिया गया है। अब व्यक्तिगत इंश्योरेंस पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है।