Thursday, October 9, 2025
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बरेली में शुक्रवार की नमाज से पहले 48 घंटे के लिए इंटरनेट बंद, सुरक्षा के और कड़े इंतजाम

26 सितंबर की हिंसा के बाद से अब तक कम से कम 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 4 अक्टूबर तक शहर भर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। शुक्रवार की नमाज को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम और कड़े कर दिए गए हैं।

बरेली: ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद के बीच बरेली में शुक्रवार की नमाज से पहले अगले 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के निर्देश दे दिए गए हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता दानिश अली और इमरान मसूद ने आरोप लगाया है कि उन्हें बरेली जाते समय ‘हाउस अरेस्ट’ कर लिया गया है। विवाद के बीच बरेली में सुरक्षा के इंतजाम भी कड़े कर दिए गए हैं।

26 सितंबर की हिंसा के बाद से अब तक कम से कम 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 4 अक्टूबर तक शहर भर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। स्थिति को देखते हुए बरेली प्रशासन ने शुक्रवार की नमाज से पहले अगले 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दिया है।

बरेली में इंटरनेट बंद, कैसी है स्थिति?

बरेली में 2 अक्टूबर दोपहर 3 बजे से 4 अक्टूबर दोपहर 3 बजे तक पूरे शहर में मोबाइल इंटरनेट, डेटा और ब्रॉडबैंड सेवाएं बंद रहेंगी। कल बुधवार को 26 सितम्बर की हिंसा में कथित रूप से शामिल दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिससे हिरासत में लिए गए लोगों की कुल संख्या 81 हो गई। इस तरह संदिग्ध दंगाइयों और इनके समर्थकों पर कार्रवाई अभी भी जारी है।

पुलिस ने बताया कि बरेली के सीबीगंज इलाके में हुई मुठभेड़ में इदरीस और इकबाल गोली लगने से घायल हो गए। फिलहाल उनका पुलिस हिरासत में इलाज चल रहा है। एसएसपी अनुराग आर्य के अनुसार इदरीस के खिलाफ पहले भी चोरी, डकैती, गैंगस्टर एक्ट और आर्म्स एक्ट सहित 20 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इकबाल पर भी इसी तरह के आरोपों में लगभग 17 मामले दर्ज हैं।

उन्होंने बताया कि दोनों इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलवी तौकीर रजा खान के एक ज्ञात सहयोगी नदीम खान के संपर्क में थे, जो ‘आई लव मुहम्मद’ विरोध प्रदर्शनों का मास्टरमाइंड है और पहले से ही जेल में है।

वहीं, मंगलवार को आईएमसी के जिला प्रमुख शमसाद और ताजीम नामक एक संदिग्ध को पुलिस के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों के बाद गिरफ्तार किया गया था। तौकीर रजा खान के सहयोगी और कम से कम एक रिश्तेदार भी सलाखों के पीछे हैं।

गिरफ्तार लोगों में तौकीर रज़ा खान के बड़े भाई मन्नानी मियाँ के दामाद मोहसिन रज़ा भी शामिल हैं। एक अन्य दामाद, समाजवादी पार्टी के पार्षद ओमान रजा फरार हैं।

पिछले हफ्चे हुई हिंसा के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए और दशहरा और जुमे की नमाज़ के मद्देनजर पुलिस ने कल बरेली में फ्लैग मार्च किया था। 4 अक्टूबर तक अन्य जिलों से भी पुलिस बल को बुलाकर तैनात किया गया है, जिसमें पाँच पीएसी कमांडेंट और 15 इंस्पेक्टर शामिल हैं।

इमरान मसूद और दानिश अली के आरोप

इस बीच इमरान मसूद ने कहा कि उनका सिर्फ बरेली जाकर एक मीटिंग करने और तुरंत वापस लौटने का प्लान था, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें घर से निकलने तक नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब एक राजनीतिक एजेंडे के तहत किया गया है। उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र का मज़ाक उड़ाया जा रहा है। मुझे अलग-अलग जगहों से फोन आ रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि कई लोगों को, यहाँ तक कि उन लोगों को भी जिनका इससे कोई ख़ास मतलब नहीं है, परेशान किया जा रहा है। मस्जिद के अंदर नमाज पढ़ी जा रही थी, और वे नमाज़ पढ़कर जा रहे थे, जबकि उनका इन सबमें कोई हाथ नहीं था। मैं जाना चाहता था, लेकिन उन्होंने मुझे रोक लिया और जाने नहीं दिया।’

अमरोहा के पूर्व सांसद दानिश अली ने भी बुधवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर उन्हें जबरन नजरबंद कर दिया गया, जब वह बरेली जा रहे थे। उन्होंने पोस्ट किया, ‘बरेली को एक साजिश के तहत हिंसा की ओर धकेला गया है। मैं आज बरेली जाकर इस अन्याय के खिलाफ लोगों के साथ खड़ा होना चाहता था, लेकिन यूपी पुलिस ने कायर सरकार के आदेश पर मुझे घर में कैद कर दिया है।’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सीधे संदेश देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘अन्याय के खिलाफ आवाजों को जितना दबाया जाएगा, वे उतनी ही तेज होंगी।’ उन्होंने अमरोहा में अपने आवास के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मियों और पुलिस वाहनों का एक वीडियो भी पोस्ट किया, और कहा कि ये सब उन्हें बरेली जाने के रोकने के लिए किया गया है।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘बरेली में हालात जानबूझकर बिगाड़े जा रहे हैं। निर्दोष युवाओं को गिरफ़्तार किया जा रहा है और दुकानें सील की जा रही हैं। सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है, पुलिस बल का दुरुपयोग करके लोगों को डरा रही है, उनकी आजादी और रोजी-रोटी छीन रही है।’

अली ने आरोप लगाया, ‘पिछली (मंगलवार) रात से मुझे मेरे घर में ही नज़रबंद कर दिया गया है और बरेली जाने से रोका जा रहा है।’

बताते चलें कि पुलिस ने बरेली विवाद में अब तक 180 नामजद और 2,500 अज्ञात लोगों के खिलाफ 10 एफआईआर दर्ज की हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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