बरेलीः इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष और स्थानीय मौलवी मौलाना तौकीर रजा खान की गिरफ्तारी के बाद बरेली जिले में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। जिला प्रशासन ने कहा कि इंटरनेट शटडाउन का उद्देश्य अफवाहों के प्रसार को रोकना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। तौकीर रजा को शनिवार 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
तौकीर रजा ने ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद को लेकर धरना प्रदर्शन का ऐलान किया था। हालांकि, पुलिस से अनुमति न मिलने पर उसे स्थगित कर दिया गया था। इसके बावजूद शुक्रवार को बरेली में बड़ी संख्या में विशेष समुदाय के लोग सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के बीच पथराव होने से स्थिति बिगड़ गई। शहर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।
शुक्रवार को कोतवाली मस्जिद के बाहर नमाज के बाद प्रदर्शनकारी जमा हुए थे। जब पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया, तो कुछ प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस को स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
झड़पें जल्द ही दरगाह-ए-आला हजरत और इस्लामिया ग्राउंड सहित आस-पास के क्षेत्रों तक फैल गईं, जिससे आलमगिरीगंज, सिविल लाइंस, बड़ा बाजार और बांसमंडी जैसे इलाकों में दुकानें अस्थायी रूप से बंद हो गईं।
पुलिस के अनुसार, मौलाना तौकीर रजा इस पूरे बवाल के मुख्य आरोपी हैं। पुलिस ने उन्हें शनिवार तड़के फैज एंक्लेव स्थित आवास से गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि उन्होंने अपने समर्थकों को गुमराह किया और यह संदेश फैलाया कि वे दिल्ली जा चुके हैं।
तौकीर रजा समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए सात अन्य लोगों की पहचान सर्फराज, मनीफुद्दीन, अजीम अहमद, मोहम्मद शरीफ, मोहम्मद आमिर, रेहान और मोहम्मद सर्फराज के रूप में हुई है। इन सभी को भी तौकीर के साथ जेल भेज दिया गया।
डीआईजी अजय साहनी ने बताया कि घटनास्थल से हथियार, खाली खोखे, कुछ बोतलें और घटना में इस्तेमाल की गई अन्य सामग्री बरामद की गई है। कुल 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है।
11 एफआईआर दर्ज
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने अब तक 11 एफआईआर दर्ज की हैं और 2,000 से अधिक लोगों के नाम सामने आए हैं। इनमें से दो एफआईआर सीधे मौलाना तौकीर रजा के नाम दर्ज की गई हैं। वीडियो फुटेज की जांच के बाद 36 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
दरअसल यह पूरा विवाद 4 सितंबर को कानपुर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के दौरान ‘आई लव मोहम्मद’ के बैनर लगाए जाने के बाद शुरू हुआ था, जब कुछ हिंदू समूहों ने इसे परंपरा से विचलन और जानबूझकर उकसावे की कार्रवाई बताते हुए आपत्ति जताई थी। इसके बाद यह मुद्दा उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में फैल गया। अब हिंदू संगठनों ने जवाबी कार्रवाई में ‘आई लव महादेव’, ‘आई लव राम’ जैसे पोस्टर लगाए हैं।
सीएम योगी ने क्या कहा?
बरेली की घटना को लेकर एक कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “अराजकता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो लोग सुरक्षा के लिए खतरा हैं या आम नागरिकों पर हमला करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
उन्होंने कहा, ‘पहले जब भी त्योहारों का मौसम आता था, उत्पात शुरू हो जाते थे…कभी-कभी लोग अपनी बुरी आदतें नहीं छोड़ पाते। इसलिए उनकी ‘डेंटिंग-पेंटिंग’ होनी चाहिए ताकि हम उनकी बुरी आदतों को हम ठीक कर सकें। आपने कल बरेली में यह देखा होगा। वो मौलाना (मौलाना तौकीर रजा खान) भूल गया था कि शासन किसका है।
दूसरी ओर, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि “आई लव मोहम्मद” अभियान अपराध नहीं है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की।
‘आई लव मोहम्मद’ विवाद के बाद पोस्टर वार तेज
उत्तर प्रदेश में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद लगातार तूल पकड़ रहा है और अब यह धार्मिक और राजनीतिक रंग लेने लगा है। विवाद की शुरुआत कानपुर से हुई थी, लेकिन धीरे-धीरे यह बरेली, मुरादाबाद और रायबरेली तक फैल गया। जहां मुस्लिम संगठनों ने ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर लगाए, वहीं इसके जवाब में हिंदू संगठनों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘आई लव जय श्री राम’, ‘आई लव योगी’ और ‘आई लव बुलडोजर’ जैसे पोस्टर अभियान शुरू कर दिए हैं।
रायबरेली, जो कांग्रेस नेता राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है, वहां भाजपा युवा मोर्चा ने पोस्टर अभियान तेज किया। रतापुर और त्रिपुला समेत शहर के प्रमुख चौराहों पर बड़े-बड़े बैनर लगाए गए। भाजपा युवा मोर्चा के नि. मंडल अध्यक्ष विष्णु पद सिंह ने कहा कि यह अभियान भगवान राम और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रेरित है। उनके अनुसार योगी सरकार अपराधियों पर सख्ती और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए काम कर रही है, और उसी संदेश को जनता तक पहुंचाने के लिए यह पोस्टर लगाए गए हैं।
मुरादाबाद में भी ‘पोस्टरवार’ ने जोर पकड़ लिया। लाजपत नगर स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में हिंदू संगठनों ने जुलूस निकाला। इस दौरान लोगों ने हाथों में ‘आई लव योगी’, ‘आई लव मोदी’ और ‘आई लव महादेव’ के पोस्टर थामे और तिरंगा लहराते हुए नारे लगाए। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद समर्थकों ने नारेबाजी की और इसे ‘हिंदुत्व की विजय’ का प्रतीक बताया। स्थानीय प्रशासन ने एहतियातन सुरक्षा बढ़ा दी, क्योंकि मुरादाबाद पहले भी सांप्रदायिक तनाव का गवाह रह चुका है।