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बेंगलुरु भगदड़: आरसीबी ने मृतकों के परिजनों के लिए किया मुआवजे का ऐलान, 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा

बेंगलुरु: आईपीएल 2025 की विजेता रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने बुधवार को बेंगलुरु में एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में मारे गए 11 लोगों के परिवारों में प्रत्येक को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। 
 
आरसीबी ने गुरूवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा, ‘बेंगलुरु में हुई इस भगदड़ की घटना से हमें गहरा दुःख और पीड़ा पहुंची है। घटना में मारे गए 11 लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए हम हर एक को 10 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा करते हैं।’

घायलों के लिए आरसीबी केयर्स बनाने का ऐलान

टीम ने बयान में कहा, ‘इसके अतिरिक्त हम इस दुर्घटना में घायल हुए लोगों की मदद के लिए आरसीबी केयर्स नामक कोष बनाने की भी घोषणा करते हैं। हमारे प्रशंसक हमेशा हमारे दिलों में हमारे साथ रहेंगे। इस दुःख की घड़ी में हम उनके साथ हैं।’

इससे पहले राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने और घायलों का सरकार की तरफ से मुफ्त इलाज कराने की घोषणा की है।

घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

दूसरी ओर चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को हुई भगदड़ का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी संज्ञान लिया है। उसने जिला प्रशासन और पुलिस को नोटिस भेजकर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। 

एनएचआरसी ने बेंगलुरु भगदड़ मामले में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। नोटिस में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने आयोग के समक्ष एक मीडिया रिपोर्ट का जिक्र किया है जिसमें बताया गया कि यह हादसा 4 जून को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर तब हुआ, जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने आईपीएल-18 कप जीता और उसकी विजय परेड निकाली गई।

नोटिस में कहा गया, ‘आयोग को इस मामले में विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें ‘भीम’ संगठन की ओर से भी शिकायतें शामिल हैं। आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों द्वारा भीड़ नियंत्रण प्रबंधन खराब था और हैरानी की बात यह है कि त्रासदी होने और स्टेडियम के बाहर शव पड़े होने के बावजूद स्टेडियम के अंदर उत्सव और जश्न जारी रहा।’

एनएचआरसी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने मामले में आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की और उच्च स्तरीय जांच, जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने, पीड़ितों को मुआवजा और न्याय दिलाने का अनुरोध किया। शिकायतकर्ताओं ने भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने का भी अनुरोध किया है।

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