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Ayodhya Mandir: राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या तैयार, 5 जून को होने वाले भव्य समारोह के बारे में जानें सब कुछ

Ram Darbar Pran Pratistha Schedule: अयोध्या में एक बार फिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में 5 जून 2025 को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह आयोजन गंगा दशहरा के पावन अवसर पर होगा, जिससे इसकी आध्यात्मिक महत्ता और अधिक बढ़ गई है। यह मंदिर निर्माण के दूसरे चरण का मुख्य अनुष्ठान होगा, जबकि पहले चरण में 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रामलला की मूर्ति की प्रतिष्ठा संपन्न हुई थी।

इस बार राम दरबार, जिसमें भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मणजी, भरतजी, शत्रुघ्नजी और हनुमानजी शामिल हैं, की मूर्तियों को मंदिर के प्रथम तल स्थित गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।

अनुष्ठान की शुरुआत 3 जून से होगी और 5 जून को मुख्य प्राण प्रतिष्ठा के साथ इसका समापन होगा। 30 मई से ही शिव मंदिर में शिवलिंग स्थापना के साथ धार्मिक गतिविधियाँ शुरू हो चुकी हैं। ये सभी अनुष्ठान काशी और अयोध्या के 101 वैदिक आचार्यों द्वारा संपन्न किए जा रहे हैं, जिनमें यज्ञशाला पूजन, वाल्मीकि रामायण का पाठ, वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक विधियों से प्राण प्रतिष्ठा शामिल हैं।

राजनीतिक नहीं, केवल धार्मिक कार्यक्रम

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने स्पष्ट किया है कि यह आयोजन पूरी तरह धार्मिक होगा और इसमें किसी भी वीआईपी या राजनीतिक व्यक्ति को आमंत्रित नहीं किया गया है। हालांकि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संभावित उपस्थिति को लेकर अटकलें बनी हुई हैं।

प्रत्याशित श्रद्धालु संख्या को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त की गई है। सीआरपीएफ महानिदेशक कुलदीप सिंह ने हाल ही में अयोध्या का दौरा कर सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की है। राम दरबार के सीमित स्थान को देखते हुए प्रतिदिन केवल 750 से 1000 भक्तों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन पास की व्यवस्था की गई है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।

14 नए मंदिरों की भी होगी प्रतिष्ठा

राम दरबार के साथ-साथ मंदिर परिसर में निर्मित 14 नए मंदिरों की भी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इनमें भगवान शिव, सूर्यदेव, गणपति, हनुमानजी, भगवती माता और अन्नपूर्णा देवी जैसे देवी-देवताओं के मंदिर शामिल हैं। 

जयपुर के शिल्पकारों द्वारा मकराना संगमरमर से निर्मित 14 मूर्तियों को अलग-अलग दिशाओं में स्थापित किया गया है- ईशान कोण में भगवान शिवलिंग, अग्नि कोण में भगवान गणेश, नैऋत्य कोण में भगवान सूर्य, वायव्य कोण में शेषावतार, दक्षिण दिशा में हनुमान जी और उत्तर दिशा में माता अन्नपूर्णा और दुर्गा जी।

अनुष्ठान कार्यक्रमः

2 जून: सरयू तट से कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर कलश लेकर भाग लेंगी।

3 जून: यज्ञ मंडप की पूजा होगी।

4 जून: शोभा यात्रा की जगह पालकी यात्रा निकाली जाएगी।

5 जून: राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा और अन्य देवालयों का अनावरण होगा।

राम मंदिर निर्माण का तीन चरणों में विकास

राम मंदिर निर्माण तीन चरणों में किया जा रहा है। पहला चरण जनवरी 2024 में पूरा हो चुका है, जिसमें रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। वर्तमान में दूसरा चरण चल रहा है, जिसके अंतर्गत 5 जून 2025 को राम दरबार और परिसर में बनाए गए 14 अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके बाद तीसरे और अंतिम चरण में मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण और आधारभूत संरचनाओं का विस्तार किया जाएगा।

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