Friday, October 10, 2025
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रामलला के बाद अयोध्या के मंदिर में अब विराजेंगे ‘राजा राम’, एक और प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी

अयोध्या: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के एक साल से ज्यादा का समय गुजरने के बाद अयोध्या के भव्य राम मंदिर में एक और प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी शुरू हो गई है। यह कार्यक्रम अगले महीने आयोजित हो सकता है। इस प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भगवान राम को राजा के रूप में स्थापित किया जाएगा। इस महीने के अंत में मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार की स्थापना की जाएगी।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार समारोह की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस तैयारी के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया है कि यह पिछले साल 22 जनवरी को आयोजित भव्य कार्यक्रम की तुलना में उतने बड़े पैमाने पर आयोजित नहीं होगा। उस कार्यक्रम में 8000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था और पीएम नरेंद्र इसकी अगुवाई कर रहे थे।

बहरहाल, अगले महीने वाले वाले कार्यक्रम के साथ एक तरह से मंदिर के पूर्ण निर्माण का कार्य भी समाप्त हो जाएगा। मंदिर का निर्माण कार्य 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुआ था। कोर्ट ने तब मंदिर निर्माण की देखरेख के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया गया था। मंदिर निर्माण समिति का नेतृत्व अभी प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा कर रहे हैं। 

नृपेंद्र मिश्रा ने हाल ही में कहा था कि मंदिर परिसर का निर्माण इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा। वहीं, ‘परकोटा’ या परिसर की दीवार पर कुछ बचे हुए काम इस साल के अंत से पहले खत्म हो जाएंगे।

नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार मंदिर में अभी करीब 20,000 क्यूबिक फीट पत्थर लगाया जाना बाकी है। मंदिर का निर्माण 15 अप्रैल के आसपास पूरा हो जाएगा। मंदिरों में सभी मूर्तियाँ जो प्राचीर के बाहर या अंदर हैं, वे 30 अप्रैल तक यहाँ आ जाएँगी। साथ ही लगभग ये सभी 25 मार्च से 15 अप्रैल के बीच स्थापित कर दी जाएंगी।

जयपुर में तैयार हो रही राम दरबार की मूर्तियां

अयोध्या के मंदिर में रामलला की 51 इंच की ऊँची मूर्ति स्थापित है। इसमें भगवान राम शिशु अवस्था में दर्शाए गए हैं। इसे कर्नाटक के कलाकार अरुण योगीराज ने गढ़ा था। वहीं, राम दरबार को जयपुर में मूर्तिकार प्रशांत पांडे के नेतृत्व में 20 कारीगरों की एक टीम द्वारा सफेद मकराना संगमरमर से गढ़ा जा रहा है।

इसके अलावा अवधी महाकाव्य रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

करीब 20 एकड़ भूमि का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। इसे कुल 392 खंभों के सहारे खड़ा किया गया और 44 दरवाजे हैं।

90% काम पूरा, रामकथा संग्रहालय भी हो रहा तैयार

पिछले साल प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समय तक गर्भगृह के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका था, जबकि परिसर में अन्य मंजिलों सहित कई काम का पूरा होना बाकी था। अब मंदिर का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और समूचे परिसर का काम इस साल तक पूरा हो जाएगा।

इन सबके अलावा मुख्य मंदिर स्थल से लगभग 4 किलोमीटर दूर एक इमारत में अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय भी बनाया जा रहा है। इसमें भगवान राम का एक होलोग्राम, रामायण की घटनाओं की जानकारी और 200 साल लंबे राम मंदिर आंदोलन का इतिहास बताने वाला एक खंड होगा। यही नहीं, स्थल पर पुरातात्विक खुदाई के दौरान मिली वस्तुओं को भी संग्रहालय में आम लोगों के देखने के लिए रखा जाएगा।

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