Saturday, October 11, 2025
Homeखेलकूदअवनि लेखरा ने रचा इतिहास, पैरालंपिक में दो गोल्ड मेडल जीतने वाली...

अवनि लेखरा ने रचा इतिहास, पैरालंपिक में दो गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला

पेरिस: पैरा शूटर अवनि लेखरा ने फ्रांस में चल रहे पैरालंपिक में शुक्रवार को इतिहास रच दिया। वे पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। उन्होंने पेरिस में 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। वहीं, इसी इवेंट में मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक जीता। इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक में अवनि लेखरा ने स्वर्ण पदक जीता था। एसएच1 श्रेणी उन निशानेबाजों के लिए है जिनके निचले अंगों में अंग विच्छेदन या पैरापलेजिया जैसी समस्याएं हैं और जो बिना किसी कठिनाई के अपनी बंदूक पकड़ सकते हैं और खड़े या बैठे स्थान से गोली चला सकते हैं।

अवनि ने 249.7 अंकों का नया पैरालंपिक रिकॉर्ड स्थापित करते हुए अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता। अवनी ने पिछला रिकॉर्ड 249.6 अंक का टोक्यो में बनाया था। कुल मिलाकर, 22 साल की अवनि भाला फेंक खिलाड़ी एथलीट देवेंद्र झाझरिया के बाद दो स्वर्ण पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय पैरालिंपियन हैं। पैरालंपिक खेलों में अवनि का यह तीसरा पदक है। उन्होंने टोक्यो में महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन एसएच1 स्पर्धा में भी कांस्य पदक जीता था।

दूसरी ओर एक और भारतीय शूटर मोना, जो शॉट्स के अंतिम दौर में थोड़ी देर के लिए आगे चल रही थी, उन्होंने कुल 228.7 के साथ तीसरे स्थान पर रहकर इस स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।

एक कार हादसे ने बदल दी थी अवनि की जिंदगी

अवनि लेखरा केवल 11 साल की थीं जब 2012 में वे एक कार हादसे का शिकार हुईं। इस कार हादसे ने उनकी रीढ़ की हड्डी को इतना बड़ा नुकसान पहुंचाया उन्हें हमेशा के लिए व्हीलचेयर पर बैठा दिया। हादसे ने अवनि की रीढ़ की हड्डी को जरूर नुकसान पहुंचाया लेकिन उनके जज्बे और सपने को नहीं तोड़ सके। पिता का प्रोत्साहन काम आया। अवनि ने शुरुआत तीरंदाजी से की लेकिन फिर शूटिंग की ओर शिफ्ट हो गई। ये फैसले अब अवनि की सफलता की कहानी कह रहे हैं।

साल 2021 में हुए टोक्यो ओलिंपिक में अवनि ने परचम लहराया। वह शूटिंग में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इसके अलावा उन्होंने एक अन्य श्रेणी में भी कांस्य पदक जीता।

इसके बाद 2022 में इस युवा निशानेबाज ने विश्व कप में दो स्वर्ण पदक जीते और अपने खाते में एक रजत पदक भी जोड़ा। इसी साल उन्होंने एशियाई पैरा खेलों में एक और स्वर्ण पदक जीता।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा