सुदीप सोहनी

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भारतीय फ़िल्म एवं टेलीविज़न संस्थान, पुणे के वर्ष 2013-14 के छात्र. कवि, पटकथा लेखक, निर्देशक, परिकल्पक व सलाहकार के रूप में सिनेमा, साहित्य, व संस्कृतिकर्म में संलग्न। नीहसो – उपनाम से कविता लेखन। विगत वर्षों से देश की प्रमुख पत्रिकाओं, अखबार, ब्लॉग, वेबसाइट्स आदि पर कविता, गद्य तथा कला व सिनेमा सम्बन्धित आलेखों का नियमित प्रकाशन। अमेरिका के आर्कियोलॉजी चैनल द्वारा स्थापित डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के दुनिया के अनोखे ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘हेरिटेज’ पर अपनी फ़िल्मों -‘तनिष्का’ और ‘यादों में गणगौर’ के इंटरनेशनल डिस्ट्रीब्यूशन और रीलीज़ पाने वाले मध्य प्रदेश के पहले और एकमात्र फ़िल्मकार। भारत, अमेरिका, यूरोप, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश के महत्त्वपूर्ण फिल्म समारोहों में फ़िल्मों के प्रदर्शन. जनजातीय संग्रहालय, संस्कृति विभाग(मध्य प्रदेश) के लिए तैयार मध्य प्रदेश के पद्मश्री कलाकारों भूरी बाई, भज्जू सिंह श्याम, दुर्गा बाई व्याम, रामसहाय पांडे और अर्जुन सिंह धुर्वे पर बनी फिल्मों का लेखन व सहायक निर्देशन। देश के कई शिक्षा संस्थानों में सिनेमा पाठयक्रम निर्माण और सिने कार्यशालाओं में हिस्सेदारी। एक कविता संग्रह 'मन्थर होती प्रार्थना (2023)' और एक मोनोग्राफ़ 'साहित्य, सिनेमा और समय (2019)' प्रकाशित। हाल ही में मध्य प्रदेश साहित्य सम्मेलन द्वारा कविता के लिए उन्हे वागीश्वरी पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है। इसके पहले रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा जूनियर टैगोर फ़ेलोशिप भी प्राप्त है। इन दिनों सुदीप सोहनी फ़िल्म्स के तहत भोपाल (म प्र) में रहकर स्वतंत्र फ़िल्म निर्माण।