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‘अमेरिका से मदद मांगना साफ इशारा, कमजोर हो गया इजराइल’, ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई का बयान

इजराइल और ईरान लगातार एक-दूसरे पर भीषण आत्मघाती हमले कर रहे हैं। इस बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि इजरायल की ओर से अमेरिका से मदद मांगना इस बात का संकेत है कि वह कमजोर हो गया है। खामेनेई ने एक्स पर पोस्ट कर ईरान की जनता से हौसला बनाए रखने की अपील की। उन्होंने लिखा, “मैं अपने प्यारे देश को बताना चाहूंगा कि अगर दुश्मन को यह एहसास हो जाए कि आप उनसे डरते हैं तो वे आपको छोड़ेंगे नहीं। आज तक आपने जिस तरह की हिम्मत दिखाई है उसे जारी रखें।” कुरान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “जीत सिर्फ अल्लाह से मिलती है, सर्वशक्तिमान ईश्वर निश्चित रूप से ईरानी राष्ट्र को, सच को और सही पक्ष को जिताएगा।”

ट्रंप ने ईरान को सरेंडर करने के लिए कहा

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि खामेनेई के अंत से ही ईरान-इजरायल युद्ध बंद होगा। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को बिना किसी शर्त के सरेंडर करने के लिए कहा है। ईरान को लेकर अमेरिका के रुख को देखते हुए चीन और रूस ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिससे यह जंग कहां तक जाएगी इसे लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।

इजराइल के रक्षा मंत्री ने ईरान को चेताया

इससे पहले इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल कात्ज ने बड़ा बयान दिया है। दरअसल, यह बयान तब आया है जब एक ईरानी मिसाइल ने इजराइल के एक अस्पताल को निशाना बनाया। इजराइल कात्ज ने कहा, “खामेनेई खुले तौर पर घोषणा करते हैं कि वह इजराइल को नष्ट करना चाहते हैं। वह व्यक्तिगत रूप से अस्पतालों पर गोलीबारी करने का आदेश देते हैं। वह इजराइल राज्य के विनाश को अपना लक्ष्य मानते हैं। खामेनेई जैसा तानाशाह, जो ईरान जैसे देश का नेतृत्व करता है और जिसने इजराइल के विनाश को अपना मिशन बना लिया है, अब अस्तित्व में नहीं रह सकता।” इजराइली मंत्री ने यह भी कहा कि सेना को इसी तरह के निर्देश दिए गए हैं।

अमेरिका को लेकर ईरान ने कही ये बात

इससे पहले बुधवार को ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने अमेरिका और इजराइल दोनों को चेतावनी दी थी। अली खामेनेई ने ईरान की जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि जो लोग ईरान, उसकी जनता और उसके इतिहास को समझते हैं, वे कभी भी इस राष्ट्र से धमकी भरे लहजे में बात नहीं करेंगे, क्योंकि ईरानी जनता को झुकाया नहीं जा सकता। अमेरिकियों को यह समझ लेना चाहिए कि अमेरिका की कोई भी सैन्य कार्रवाई बिना किसी संदेह के उसके अपूरणीय क्षति का कारण बनेगी। 

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