रोहतक: सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) संदीप कुमार की आत्महत्या के मामले में रोहतक सदर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। इस एफआईआर में चार लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें निलंबित आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार का गनमैन सुशील, पूरन कुमार की पत्नी पी. अवनीत कौर, भठिंडा ग्रामीण के विधायक अमित रत्ना और एक अन्य व्यक्ति शामिल है।
इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अधिकारियों ने चल रही जाँच का हवाला देते हुए फिलहाल एफआईआर की प्रति नहीं दी है। आरोपियों के खिलाफ क्या आरोप लगाए गए हैं, इसका भी अभी खुलासा नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि संदीप कुमार ने मंगलवार को पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। रोहतक के साइबर सेल में सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) के पद पर तैनात संदीप कुमार ने वाई पूरन कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रहे थे।
संदीप कुमार ने अपने तीन पेज के सुसाइड नोट और एक वीडियो छोड़ा, जिसमें उन्होंने पूरन कुमार और उनके परिवार पर घूसखोरी, वसूली और महिला अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए।
संदीप ने नोट में लिखा कि पूरन कुमार एक भ्रष्ट अधिकारी हैं, जिनके खिलाफ कई ठोस सबूत मौजूद हैं। उन्होंने दावा किया कि पूरन कुमार के स्टाफ के खिलाफ चल रही वसूली की जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तारी का डर सता रहा था।
सुसाइड नोट में लिखा, “मैं इस दबाव को और सहन नहीं कर पाया। पूरन साहब ने मुझे फंसाने की साजिश रची थी।”
इससे पहले आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने आत्महत्या की थी। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने सीनियर अफसरों पर जातीय भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। संदीप जांच के दौरान महत्वपूर्ण बयान देने वाले थे, लेकिन उनकी अचानक मौत ने पूरे केस को और जटिल बना दिया है।
घटनाक्रम की टाइमलाइन
29 सितंबर: 2001-बैच के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार का तबादला आईजी (रोहतक रेंज) से सुनारिया पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में कर दिया गया। कथित तौर पर बिना पूर्व सूचना के हुए इस तबादले से परेशान होकर अधिकारी एक सप्ताह की छुट्टी पर चले गए।
1 अक्टूबर: रोहतक से चंडीगढ़ जाते समय पूरन कुमार के पीएसओ सुशील कुमार को रोहतक पुलिस टीम ने हिरासत में ले लिया, जिसमें एएसआई संदीप कुमार भी शामिल थे। सुशील को बिना एफआईआर या वारंट के हिरासत में लिया गया। हिरासत से पहले, उसने अपनी सर्विस रिवॉल्वर कार में छोड़ दी थी, वही बंदूक जिसका इस्तेमाल बाद में पूरन कुमार ने खुद को गोली मारने के लिए किया।
1-5 अक्टूबर: सुशील कुमार से कथित तौर पर अवैध हिरासत में पूछताछ की गई और उस पर पूरन कुमार के खिलाफ झूठा बयान देने का दबाव डाला गया। पूरन कुमार ने हस्तक्षेप के लिए हरियाणा के डीजीपी और रोहतक एसपी को बार-बार फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
6 अक्टूबर: सुशील कुमार के खिलाफ एक व्यवसायी से 2.5 लाख रुपये की उगाही की कोशिश के आरोप में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। एएसआई संदीप कुमार, जो साइबर जाँच टीम का हिस्सा थे, उन्होंने मामले से संबंधित फोन विवरण प्राप्त किए। सूत्रों ने कहा कि एफआईआर रणनीतिक रूप से दायर की गई थी ताकि पूरन कुमार को उनके पीएसओ के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ा जा सके।
7 अक्टूबर: पूरन कुमार ने कथित तौर पर चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार ली। उन्होंने अपने आठ पन्नों के सुसाइड नोट में आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाया।
8 अक्टूबर: पूरन कुमार की पत्नी, आईएएस अधिकारी अवनीत पी. कुमार, जापान से लौटीं और पुलिस शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने शुरू में आरोपियों की गिरफ्तारी तक पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया था।
लैपटॉप विवाद: एसआईटी ने पूरन कुमार के आधिकारिक लैपटॉप को फोरेंसिक जाँच के लिए माँगा। अवनीत कुमार ने पहुँच प्रदान की, लेकिन दावा किया कि आईटी टीम डिजिटल फिंगरप्रिंट बनाने में विफल रही। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पूर्ण सहयोग के बावजूद मामले को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
14 अक्टूबर: पूरन कुमार से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच कर रहे एएसआई संदीप कुमार ने कथित तौर पर रोहतक-पानीपत रोड के पास खुद को गोली मार ली। उन्होंने तीन पन्नों का नोट और एक वीडियो छोड़ा, जिसमें पूरन कुमार और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और उत्पीड़न का आरोप लगाया।