Friday, October 10, 2025
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अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों और मंत्रियों के साथ बुलाई बैठक

पंजाबः दिल्ली में हार के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में राज्य के विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक बुलाई है। मंगलवार को हो रही इस बैठक की वजह राज्य कांग्रेस के उस दावे के बाद हो रही है। पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने ऐसा दावा किया था आप के लगभग 30 विधायक उनके संपर्क में हैं। 

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। बीजेपी ने दिल्ली में 27 साल बाद वापसी की है। वहीं, आम आदमी पार्टी का 11 साल का राज समाप्त हो गया है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया था कि वह राज्य में लंबे समय से आप विधायकों के संपर्क में हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया था कि आप विधायकों को एहसास हो गया है कि ‘यह चांद के लिए उनका वन वे टिकट है और वे वापस नहीं आ रहे हैं।’ 

2022 में हासिल की थी सत्ता

इसके अलावा राज्य के विपक्षी नेताओं ने पंजाब में आम आदमी पार्टी के टूटने और सरकार में फेरबदल की भी भविष्यवाणी की है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में आप ने पंजाब में कांग्रेस को हराकर सत्ता हासिल की थी। इस चुनाव में आप ने 92 सीटें जीती थीं। वहीं, कांग्रेस को 18 सीटों पर जीत मिली थी। शिरोमणि अकाली दल को 3 सीटों पर जीत मिली थी। 

बाजवा ने कहा कि “पंजाब की जनता ने तथाकथित ईमानदार पार्टी का असली चेहरा भी देखा है। केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाबियों को बेवकूफ बनाने और 2022 में उनके वोट हासिल करने के लिए पंजाब में बड़े-बड़े वादे किए थे।” 

लुधियाना से लड़ सकते हैं चुनाव

कांग्रेस नेता का यह भी मानना है कि केजरीवाल लुधियाना सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। लुधियाना विधानसभा सीट फिलहाल खाली है। ऐसे में केजरीवाल इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। पंजाब भाजपा नेता सुभाष शर्मा ने भी यह कहा है कि केजरीवाल पंजाब में मुख्यमंत्री बनने का लक्ष्य रख सकते हैं। 

आठ फरवरी को आए चुनाव नतीजों में आम आदमी पार्टी को सिर्फ 22 सीटें ही मिली हैं। वहीं, भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल की हैं। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज जैसे दिग्गज नेताओं ने हार का सामना करना पड़ा है।

कांग्रेस लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में अपना खाता खोलने में असमर्थ रही है। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आप को 62 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि साल 2015 के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। 

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