Friday, October 10, 2025
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‘सेना की वर्दी जातिवादी चश्मे से नहीं…’, रामगोपाल यादव के बयान पर सीएम योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव को विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर दिए गए विवादित बयान पर घेरते हुए कहा कि सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती है।  उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है, बल्कि सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का भी घोर अपमान है।

सीएम योगी का रामगोपाल यादव पर वार

सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती है। भारतीय सेना का प्रत्येक सैनिक ‘राष्ट्रधर्म’ निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है, बल्कि सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का भी घोर अपमान है।”

उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, “यह वही मानसिकता है, जो तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में राष्ट्रभक्ति तक को बांटने का दुस्साहस करती है। इस विकृत जातिवादी सोच को जनता फिर जवाब देगी।”

दूसरी तरफ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी सपा महासचिव रामगोपाल पर वार करते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, ”जाति व धर्म से परे होती है सेना। सेना का एक ही धर्म होता है ‘देश की रक्षा’। इसलिए सेना में जाति व धर्म देखना ‘ओछी मानसिकता’ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना में भी महिला सशक्तीकरण पर खासा जोर दिया है। सबको उन पर भरोसा करना चाहिए।”

‘सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती’

दरअसल, मुरादाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में नियमित रूप से ब्रीफिंग करने वाली वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। इस दौरान उन्होंने सेना के अन्य अधिकारियों की जातियां भी बताईं।

रामगोपाल यादव ने अपनी टिप्पणी में व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी सहित अन्य सैन्य अधिकारियों की जाति का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “युद्ध एक मुसलमान, एक जाटव और एक यादव ने लड़ा। ये तीनों पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) वर्ग से आते हैं। ऐसे में भाजपा इस अभियान का श्रेय कैसे ले सकती है।”

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