HomeभारतAnna University Rape Case: आरोपी ज्ञानशेखरन को उम्रकैद, महिला अदालत ने सुनाई...

Anna University Rape Case: आरोपी ज्ञानशेखरन को उम्रकैद, महिला अदालत ने सुनाई सजा

चेन्नईः अन्ना विश्वविद्यालय रेप मामले में चेन्नई की महिला अदालत ने आरोपी ज्ञानशेखरन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। ज्ञानशेखरन को कम से कम 30 साल जेल में बिताने होंगे। महिला अदालत की जज एम राजलक्ष्मी ने बलात्कार सहित 11 मामलों में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई। गौरतलब है इस मामले की सुनवाई 28 मई को पूरी हो गई थी और फैसला दो जून को सुनाया जाना था। 

सुनवाई के दौरान जज एम राजलक्ष्मी ने कहा कि उसके साथ कोई दया नहीं दिखानी चाहिए और उसे कम से कम 30 साल जेल में रहने का आदेश दिया। 

24 दिसंबर को दर्ज कराई शिकायत

इस मामले में पीड़िता ने 24 दिसंबर को कोट्टूरपुरम ऑल वीमेन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि यूनिवर्सिटी कैंपस में वह अपने ब्वायफ्रेंड के साथ थी। इस दौरान ज्ञानशेखरन ने उसे धमकाया और रेप किया। पीड़िता के वकील ने अदालत को बताया कि आरोपी ने इस कृत्य का वीडियो भी अपने फोन में रिकॉर्ड किया। 

इसके बाद उसने पीड़िता को ब्लैक मेल किया और वीडियो को उसके परिजनों को भेजने के लिए कहने लगा। हालांकि लड़की ने कॉलेज प्रशासन की मदद से अगले दिन मामला दर्ज कराया।

स्थानीय पुलिस ने मामले के तुरंत बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। 

मद्रास हाई कोर्ट ने एसआईटी गठित की थी

मामले में पीड़िता की पहचान सार्वजनिक होने के बाद मद्रास हाई कोर्ट ने इसकी जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का निर्देश दिया था। इसमें सभी महिला थीं। 

एसआईटी ने दो महीने बाद 24 फरवरी को जांच पूरी की और क्षेत्राधिकार मजिस्ट्रेट के समक्ष 100 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया। यह आरोपपत्र सात मार्च को महिला न्यायालय को सौंपा गया। इसके बाद ज्ञानशेखरन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए गए। 

सुनवाई के दौरान ज्ञानशेखरन के वकील ने व्यक्तिगत आधारों को हवाला देकर अदालत से उसके प्रति नरमी बरतने की अपील की थी। वहीं, अभियोजन पक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version