नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उद्योगपति अनिल अंबानी के करीबी सहयोगी अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी कथित फर्जी बैंक गारंटी और 17,000 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में हुई।
अशोक कुमार पाल रिलायंस पावर के कार्यकारी निदेशक और सीएफओ हैं। ईडी ने उन्हें दिल्ली स्थित कार्यालय में कई घंटों की पूछताछ के बाद हिरासत में लिया। एजेंसी का आरोप है कि पाल ने कंपनी के फंड के दुरुपयोग में अहम भूमिका निभाई और फर्जी बैंक गारंटी व गलत इनवॉइसिंग के जरिये वित्तीय अनियमितताएं कीं।
ईडी के मुताबिक, रिलायंस पावर एक सार्वजनिक सूचीबद्ध कंपनी है, जिसमें 75% से अधिक हिस्सेदारी आम निवेशकों की है। एजेंसी का कहना है कि पाल को बोर्ड के एक प्रस्ताव के तहत सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) परियोजना से जुड़े सभी दस्तावेजों को साइन और मंजूर करने का अधिकार दिया गया था। उन्होंने कंपनी की वित्तीय क्षमता का उपयोग उस बोली के समर्थन में किया, जो बाद में संदिग्ध पाई गई।
यस बैंक और एडीए ग्रुप से जुड़ा घोटाला
यह मामला अनिल अंबानी के एडीए (ADA) ग्रुप और यस बैंक के बीच वित्तीय लेन-देन से जुड़ी अनियमितताओं की जांच का हिस्सा है। ईडी का आरोप है कि अनिल अंबानी और रिलायंस समूह की कंपनियां 17,000 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड में शामिल रही हैं।
इस साल अगस्त में ईडी ने मुंबई में 35 ठिकानों पर छापे मारे थे, जिनमें एडीए ग्रुप से जुड़ी 50 कंपनियां और 25 व्यक्ति जांच के दायरे में आए थे। अनिल अंबानी को भी एजेंसी ने पूछताछ के लिए समन भेजा था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एसबीआई के फैसले को माना वैध
इसी बीच, बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस सप्ताह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसके प्रमोटर अनिल अंबानी के लोन खातों को फ्रॉड घोषित किया था।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और नीला गोकले की खंडपीठ ने 3 अक्टूबर को अंबानी की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि एसबीआई का कदम कानूनी रूप से उचित और तर्कसंगत है। अदालत ने स्पष्ट किया कि आरबीआई के दिशा-निर्देशों के तहत उधारकर्ताओं को केवल लिखित जवाब देने का अधिकार है, न कि व्यक्तिगत सुनवाई का। हाईकोर्ट ने कहा कि अंबानी की याचिका में कोई ठोस आधार नहीं है और बैंक का फैसला पूरी तरह से वैध है।
बैंकों ने अंबानी समूह के खातों को फ्रॉड घोषित किया
गौरतलब है कि एसबीआई ने 13 जून 2024 को रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी के लोन खातों को धोखाधड़ी श्रेणी में डाला था। बैंक ने फंड डायवर्जन, अनुबंधों के उल्लंघन और संबंधित पक्षों के बीच संदिग्ध लेन-देन को इसका कारण बताया था और सीबीआई से कार्रवाई की सिफारिश की थी।
इसी तरह, बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसके पूर्व निदेशक अनिल अंबानी के खातों को “फ्रॉड” घोषित किया था।