Friday, October 10, 2025
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कम से कम दो बच्चे वाले ही लड़ें निकाय चुनाव, सीएम चंद्रबाबू नायडू चलाएंगे प्रोत्साहन योजना

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि राज्य की जनसंख्या बढ़ाने के लिए उनका दल उन लोगों को निकाय चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा जिनके कम से कम दो बच्चे हों। सीएम नायडू ने जनसंख्या को सम्पत्ति बताते हुए कहा कि राज्य में जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना चलायी जाएगी।

सीएम नायडू ने उल्लेख किया कि आगे चलकर सरकारी योजनाओं के लिए पात्रता निर्धारित करने में परिवार का आकार एक महत्वपूर्ण कारक होगा। एक संवाददाता सम्मेलन में नायडू ने कहा, ”अतीत में जनसंख्या को बोझ के रूप में देखा जाता था लेकिन आज इसे संपत्ति माना जाता है।

पहले हम जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए प्रोत्साहन देते थे। जैसे कि 5 सदस्यों तक वाले परिवार को 25 किलो चावल दिया जाता था लेकिन 5 से अधिक संख्या वाले परिवार को कोई अतिरिक्त लाभ नहीं दिया जाता था। उस समय हमने दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार देने वाला एक कानून भी बनाया, क्योंकि यह उस समय समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप था।”

बदल गईं हैं परिस्थितियां

सीएम नायडू ने कहा कि अब परिस्थितियां बदल गई हैं और जनसंख्या वृद्धि को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि “अब जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसलिए कम से कम दो बच्चों वाले व्यक्ति ही चुनाव लड़ने के पात्र होंगे। “

आंकड़ों का हवाला देते हुए नायडू ने राज्य की घटती जनसंख्या के बारे में अनुमान साझा किए। “2026 तक आंध्र प्रदेश की जनसंख्या 53.8 मिलियन (5 करोड़ 38 लाख) तक पहुंचने की उम्मीद है। 2031 तक इसके बढ़कर 54.2 मिलियन (5 करोड़ 42 लाख) और 2036 तक 54.4 (5 करोड़ 44 लाख) होने का अनुमान है।”

उन्होंने आगे कहा कि “हालाँकि, 2041 तक जनसंख्या घटकर 54.2 मिलियन (5 करोड़ 42 लाख) हो जाने की संभावना है और 2051 तक यह और भी कम होकर 54.1 मिलियन (5 करोड़ 41 लाख) हो सकती है।”

टोटल फर्टिलिटी रेट की ओर किया इशारा

सीएम नायडू ने राज्य में घटती कुल प्रजनन दर यानी टोटल फर्टिलिटी रेट(टीएफआर) की ओर भी इशारा किया। “2026 में प्रति जोड़े का औसत टीएफआर 1.51 जन्म होने का अनुमान है। नायडू के कहा, 2051 में इसके घटकर 1.07 होने का अनुमान है, जो कि खतरे की घंटी का संकेत है। स्थायी जनसंख्या के लिए आदर्श टीएफआर प्रति जोड़े के हिसाब से 2.1 जन्म होना चाहिए।”

जनसंख्या के महत्व के बारे में बताते हुए नायडू ने कहा कि “जनसंख्या ही धन है। यदि हम जनसंख्या वृद्धि को नजरअंदाज कर केवल धन कमाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो उस धन का उपयोग करने वाला कोई नहीं बचेगा। भविष्य में हमारे पास विशाल हवाई अड्डे और चौड़ी सड़कें हो सकती हैं, लेकिन उनका उपयोग करने के लिए पर्याप्त लोग नहीं होंगे।”

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