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आनंद शर्मा ने कांग्रेस के विदेश मामलों के विभाग प्रमुख पद से दिया इस्तीफा, कहा – ‘युवाओं को लाने की जरूरत’

नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने 10 अगस्त को पार्टी के विदेश विभाग के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि युवा नेताओं की जरूरत है। 

आनंद शर्मा को इस पद पर अगस्त 2018 में नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष रहने के दौरान हुई थी। वह फिलहाल पार्टी की कार्यसमिति के सदस्य बने हुए हैं, यह पार्टी का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला मंच है। 

इस्तीफे में क्या लिखा?

उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा “जैसा कि मैंने पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल के अध्यक्ष को अपने विचार से अवगत कराया है, समिति का पुनर्गठन किया जाना चाहिए जिससे इसमें क्षमतावान और प्रतिभाशाली युवा नेताओं को शामिल किया जा सके। इससे इसके कामकाज में निरंतरता बनी रहेगी।”

जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी अध्यक्ष हैं और सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय समिति की अध्यक्ष हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनियाभर के देशों में अपना पक्ष रखने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए वह कांग्रेस नेतृत्व की एकमात्र पसंद थे। 

हालांकि, बीते कुछ सालों में कई मुद्दों पर उनकी पार्टी के साथ अनबन रही है, इसमें राहुल गांधी भी शामिल हैं।

इसी महीने की शुरुआत में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान से सहमति जताई थी जिसमें उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को “मृत” करार दिया था। हालांकि शर्मा का मत राहुल गांधी से भिन्न था। 

शर्मा ने एक्स पर पोस्ट में लिखा

शर्मा ने इस संबंध में एक्स पर एक पोस्ट में लिखा “राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयानों और कार्यों में विश्व व्यवस्था में उथल-पुथल मचा दी है और अभूतपूर्व व्यवधान पैदा कर दिया है। भारत और उसकी अर्थव्यवस्था पर उनकी टिप्पणियां अपमानजनक और अस्वीकार्य हैं। भारत ने अतीत में दबावों और खतरों का सामना किया है और मजबूती से उभरा है। राष्ट्रपति ट्रंप इस गलतफहमी में हैं कि भारत के पास विकल्प नहीं हैं। चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत में समानता और पारस्परिक सम्मान के सिद्धांतों पर दुनिया के साथ जुड़ने की लचीलापन और अंतर्निहित शक्ति है।”

वह यूपीए के दूसरे कार्यकाल के दौरान वाणिज्य और उद्योग मंत्री भी थे। राज्यसभा में साल 2022 तक सांसद के पदपर रहे। 2021 में पार्टी के जी-23 नेता समूह के सदस्य के रूप में उन्होंने संगठन में व्यापक सुधारों की मांग की थी। 

बीते साल हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा के लिए न भेजे जाने पर वह कथित तौर पर नाराज थे। बीते साल मार्च 2024 में शर्मा ने खड़गे को पत्र लिखकर कांग्रेस की राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की मांग पर सवाल उठाया था। यह राहुल गांधी की राजनीति का मुख्य मुद्दा है।

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