नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि देश में मुसलमानों की आबादी ‘पाकिस्तान और बांग्लादेश से घुसपैठ’ के कारण बढ़ रही थी। दिल्ली में एक कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि देश में मतदान का अधिकार ‘केवल नागरिकों को ही उपलब्ध होना चाहिए।’
अमित शाह ने कहा, ‘1951 में हिंदू 84% और मुसलमान 9.8% थे। 2011 तक, हिंदुओं की संख्या घटकर 79% और मुसलमानों की संख्या बढ़कर 14.2% हो गई। आज भारत में मुसलमानों की आबादी 24.6% तक पहुँच गई है। यह वृद्धि घुसपैठ के कारण हुई है।’
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार शाह ने कहा, ‘मुस्लिम आबादी में वृद्धि हुई है, जबकि हिंदू आबादी में 4.5 प्रतिशत की कमी आई है। मैं आपको यह इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि यह प्रजनन दर के कारण नहीं हुआ है। यह घुसपैठ के कारण हुआ है।’
इस बात पर जोर देते हुए कि भारत का विभाजन धर्म के कारण हुआ, शाह ने कहा कि भारत के दोनों ओर पाकिस्तान बना और उन दोनों ओर से घुसपैठ हुई, जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या में इतना बदलाव आया।
गृह मंत्री ने आगे कहा, ‘मैं आपको घुसपैठिए और शरणार्थी के बीच का अंतर बताने जा रहा हूँ। पाकिस्तान और बांग्लादेश में जितनी भी हिंदू आबादी घटी, उनमें से कई ने भारत में शरण ली। और भारत में जो मुस्लिम आबादी बढ़ी, वह प्रजनन दर के कारण नहीं, बल्कि इसलिए बढ़ी क्योंकि कई मुसलमान देश में घुसपैठ कर आए।’
अमित शाह ने कहा, ‘जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा है और जो आर्थिक या अन्य कारणों से अवैध रूप से भारत आना चाहते हैं, वे घुसपैठिए हैं। अगर दुनिया में कोई भी जो यहाँ आना चाहता है, उसे ऐसा करने दिया जाए, तो हमारा देश धर्मशाला बन जाएगा।’
अमित शाह ने कहा कि अवैध प्रवासियों पर भाजपा का एक ही पुराना रुख है। उन्होंने कहा ‘भाजपा ने 1950 के दशक से ही पता लगाओ, हटाओ और निर्वासित करो का फॉर्मूला अपनाया है। हम घुसपैठियों का पता लगाएँगे, उन्हें मतदाता सूची से हटाएँगे और उन्हें इस देश से भी निर्वासित करेंगे।’
शाह ने चेतावनी दी कि कुछ दलों ने राजनीतिक लाभ के लिए अवैध प्रवासियों को शरण दी है। उन्होंने कहा, ‘हमारे गुजरात की भी सीमा लगती है, राजस्थान की भी, लेकिन वहाँ घुसपैठ नहीं होती।’
SIR एक राष्ट्रीय मुद्दा है: अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि घुसपैठ और चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये राष्ट्रीय मुद्दे हैं। शाह ने आगे कहा कि ‘मतदाता सूची में घुसपैठियों को शामिल करना संविधान की भावना को दूषित करता है।’ गृह मंत्री ने कहा कि ‘मतदान का अधिकार केवल देश के नागरिकों को ही मिलना चाहिए।’
शाह ने कहा कि कांग्रेस एसआईआर के मुद्दे पर ‘इनकार’ की मुद्रा में आ गई है। उन्होंने कहा कि जबकि यह प्रक्रिया कांग्रेस सरकार के दौरान भी हुई थी। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष विरोध की कवायद कर रहा है क्योंकि उनके वोट बैंक कट रहे हैं…मतदाता सूची को साफ करना चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है। अगर आपको कोई समस्या है तो आप अदालत जा सकते हैं।’