नई दिल्लीः अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं। सोमवार, 13 अक्टूबर को मुत्ताकी ने कहा कि भारत को चाबहार बंदरगाह पर प्रतिबंध हटाने के लिए अमेरिका से बातचीत करनी चाहिए।
तालिबानी मंत्री मुत्ताकी ने जोर देकर कहा कि वह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह के सबसे अनुकूल उपयोग के पक्ष में है। उन्होंने अमेरिका के साथ अपनी बैठकों में प्रतिबंधों को हटाने का मुद्दा भी उठाया है।
आमिर खान मुत्ताकी ने क्या कहा?
मुत्ताकी ने व्यापार, चिकित्सा, पर्यटन और लोगों के आपसी मेल-जोल को बढ़ाने के लिए भारत से अधिक वीजा जारी करने की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि आप (भारत) वीजा जारी करते हैं, वीजा प्रक्रिया को आसान बनाते हैं, उड़ानें आती-जाती हैं, कोई समस्या नहीं है, पासपोर्ट हैं, कोई समस्या नहीं है, जो नहीं है वह वीजा है, वीजा दीजिए।
गौरतलब है कि भारत ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह के विकास में एक प्रमुख भागीदार है। मौजूदा समय में इस बंदरगाह पर शाहिद बेहेश्टी टर्मिनल का संचालन कर रहा है।
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इसी साल सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान में रणनीतिक रूप से स्थित चाबहार बंदरगाह के संबंध में 2018 के प्रतिबंधों की छूट को रद्द करने का फैसला किया है।
मुत्ताकी ने कहा कि चाबहार के मामले में हमारा यह मानना है कि इसका अधिकतम उपयोग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों (भारत और अमेरिका) को प्रतिबंध हटाने के प्रयास करने चाहिए।
अमेरिका के सामने भी उठाया था मुद्दा
इस दौरान मुत्ताकी ने कहा कि जब हम अमेरिका से मिले तो हमने उनके साथ भी यह मुद्दा उठाया और भारत को भी ऐसा ही करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मीडिया संबंधी प्रयोजनों के लिए वीजा प्रदान करके और भी अधिक संख्या में लोगों को भारत आने की अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हालांकि अभी लोग आते हैं लेकिन ज्यादा लोग होने चाहिए।
मुत्ताकी ने भारत में आयोजित व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिए अफगानिस्तान को आमंत्रित करने का भी मामला उठाया, तथा भारतीय व्यवसायों को अफगानिस्तान में खनन, बिजली उत्पादन और कृषि जैसे क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
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वह यहां उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उद्योग प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में बोल रहे थे। मुत्ताकी छह दिनों की यात्रा पर भारत दौरे पर हैं। उनकी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को न बुलाए जाने पर काफी विवाद हुआ जिसके चलते मुत्ताकी को सफाई भी देनी पड़ी। रविवार, 12 अक्टूबर को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को भी बुलाया गया।
शनिवार, 11 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं को न बुलाए जाने की तकनीकी वजह बताई। मुत्ताकी ने कहा था कि हमारे सहयोगियों ने पत्रकारों की एक विशिष्ट सूची को निमंत्रण भेजने का निर्णय लिया था और इसके अलावा कोई अन्य इरादा नहीं था।