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गाजा में हमास के खिलाफ ‘पहली बार’ सड़क पर उतर रहे लोग, नेतन्याहू ने भी दी चेतावनी

तेल अवीव: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि अगर हमास जल्द बाकी बजे बंधकों को रिहा नहीं करता है तो इजराइल गाजा के इलाकों को अपने कब्जे में ले लेगा। इस बीच, लगातार दूसरे दिन बुधवार को गाजा में सैकड़ों फिलिस्तीनियों ने हमास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और युद्ध को खत्म करने की मांग की। 

इजराइल के प्रधानमंत्री की ताजा टिप्पणी इजराइल द्वारा गाजा में अपने सैन्य अभियान को फिर से शुरू करने के करीब एक सप्ताह बाद आई है। फिलिस्तीनी सशस्त्र समूह और इजराइल के बीच साल की शुरुआत में एक युद्धविराम लागू हुआ था लेकिन यह कुछ ही दिनों में टूट गया।

नेतन्याहू ने इजराइली संसद में कहा, ‘जितना अधिक हमास हमारे बंधकों को रिहा करने से इनकार करता रहेगा, उतना ही अधिक दमनकारी कार्रवाई होगी। मैं यह बात नेसेट (Knesset/इजराइली संसद) में अपने सहयोगियों से कह रहा हूं, और मैं हमास से भी कहता हूं कि इन कार्रवाईयों में क्षेत्रों पर कब्जा करना, और अन्य उपाय भी शामिल हैं, जिनके बारे में मैं यहाँ विस्तार से नहीं बता सकता हूं।’

गाजा में हमास के खिलाफ दो दिन से प्रदर्शन

लंबे समय से चल रहे इजराइल हमास युद्ध के बीच गाजा में हमास के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन भी सुर्खियों में आ गए हैं। एक तरह से यह पहली बार है जब जंग शुरू होने के बाद बड़े पैमाने पर गाजा क्षेत्र में लोग हमास के खिलाफ प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरने लगे हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार बुधवार को हजारों फिलिस्तीनियों ने उत्तरी गाजा के तबाह हो चुके शहर के जर्जर इमारतों के बीच से होते हुए विरोध मार्च निकाला। यह युद्ध-विरोधी प्रदर्शनों का दूसरा दिन था। 

प्रदर्शनकारियों में से कई ने हमास के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर आक्रोश व्यक्त किया जो इस इलाके में दुर्लभ है। ये विरोध प्रदर्शन मुख्यतः उत्तरी गाजा में हुए, जिनमें इजराइल के साथ 17 महीने से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने की मांग की गई। दरअसल, पिछले करीब डेढ़ साल से ज्यादा समय से चली आ रही इस जंग ने गाजा में लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हजारों आमलोग मारे गए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे तक शामिल हैं।

विरोध की आवाज दबाता रहा है हमास

गाजा में हमास की खुली आलोचना दुर्लभ है। इस समूह, जिसे कई देशों ने आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है, उस पर अतीत में असहमति की आवाज को हिंसक रूप से दबाने के आरोप लगते रहे हैं। बेत लाहिया में मंगलवार को भी विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसमें लगभग 3000 से ज्यादा लोगों ने मार्च किया। इस दौरान वे नारे लगाते रहे, ‘लोग हमास का पतन चाहते हैं।’ गाजा शहर के युद्धग्रस्त शिजाय्याह इलाके में दर्जनों लोगों ने प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी की, ‘बाहर जाओ, बाहर जाओ, बाहर जाओ! हमास, बाहर निकलो!’

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