Tuesday, September 9, 2025
HomeकारोबारAmazon, Zomato, Swiggy जैसी ई-कॉमर्स साइट से सामान मंगाना होगा महंगा, लगेगा...

Amazon, Zomato, Swiggy जैसी ई-कॉमर्स साइट से सामान मंगाना होगा महंगा, लगेगा 18 प्रतिशत जीएसटी

उपभोक्ताओं के लिए अब अमेजन, स्विगी और जोमैटो जैसे प्लेटफॉर्म से सामान मंगाना महंगा पड़ सकता है।

जोमैटो (Zomato), स्विगी (Swiggy), अमेजन (Amazon) जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों से सामान मंगाने वाले उपभोक्ताओं के लिए डिलीवरी सेवाएं महंगी होने की संभावना है। उपभोक्ताओं के लिए इन सेवाओं पर 22 सितंबर से 18 फीसदी जीएसटी (GST) लगेगा। 3 सितंबर को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 56वीं बैठक में यह फैसला लिया गया।

ऐसे में यूजर्स के लिए इन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना थोड़ा महंगा हो सकता है। ऐसे में अब फूड डिलीवरी ऐप्स डिलीवरी चार्ज पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाएंगे, इसके साथ ही रेस्टोरेंट सेवाओं के लिए 5 फीसदी जीएसटी लगाएंगे। इसी तरह क्विक कॉमर्स कंपनियां जैसे ब्लिंकइट (Blinkit), जेप्टो (Zepto) भी यह शुल्क बढ़ा सकती हैं। अभी तक ये कंपनियां सिर्फ हैंडलिंग शुल्क ही लगाती थीं।

उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है असर

डिलीवरी कंपनियां यह बोझ उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं। इंडियन एक्सप्रेस को एक फूड डिलीवरी कंपनी के सीनियर एक्जीक्यूटिव ने बताया कि वे इस वजह से लगने वाले राजस्व पर पड़ने वाले असर का आकलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआती आंकड़ें बताते हैं इससे सालाना करीब 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो सकता है। अधिकारी ने बताया कि “हमारे पास यह बोझ ग्राहकों के ऊपर डालने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा, इसलिए डिलीवरी शुल्क बढ़ने या डिलीवरी पार्टनर की कमाई पर भी असर पड़ने की उम्मीद की जा सकती है। खाने की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।”

यह भी पढ़ें – अमेरिका-भारत टैरिफ टेंशन के बीच स्वदेशी टूथपेस्ट पर ‘जंग’! डाबर का अखबार में छपा विज्ञापन क्यों आया चर्चा में

जीएसटी परिषद की बैठक में पैनल ने अपनी सिफारिशों में कहा कि ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के माध्यम से स्थानीय डिलीवरी सेवाओं की आपूर्ति को केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) की धारा 9 (5) के तहत अधिसूचित किया जाएगा जो अब तक जीएसटी अधिकारियों और स्विगी व जोमैटो जैसी कंपनियों के बीच एक अस्पष्ट क्षेत्र और विवाद का विषय रहा है।

जीएसटी परिषद की बैठक में क्या निर्णय लिया गया?

बैठक में ऐसी सेवाओं पर परिषद ने 18 प्रतिशत की सिफारिश की है। इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटरों (ईसीओ) के माध्यम से खाद्य वितरण को दो भागों रेस्टोरेंट सेवाओं और डिलीवरी सेवाओं में बांटा गया है। ईसीओ के माध्यम से प्रदान की जाने वाली रेस्टोरेंट सेवाएं वर्तमान में इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना 5 फीसदी जीएसटी के अधीन है।

यह भी पढ़ें GST में बदलाव से आपके काम की कौन-कौन सी चीजें हुई सस्ती, किस स्लैब में क्या…पूरी लिस्ट देखिए

जीएसटी परिषद की सिफारिशों के साथ स्विगी और जोमैटो जैसे प्लेटफॉर्म को उपभोक्ताओं से प्राप्त डिलीवरी शुल्क 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इससे पहले वे यह कहते रहे हैं कि वे केवल डिलीवरी कर्मचारियों की ओर से डिलीवरी शुल्क लेते हैं और यह उनके राजस्व का हिस्सा नहीं है।

इससे पहले कंपनियां यह तर्क देती थीं कि वे स्वयं डिलीवरी सेवाएं प्रदान नहीं करती हैं बल्कि डिलीवरी कर्मचारी प्रदान करते हैं। प्लेटफॉर्म केवल डिलीवरी कर्मचारियों की ओर से ग्राहकों से डिलीवरी शुल्क वसूलते हैं और इसलिए सेवा पर जीएसटी का भुगतान करने की करने की कोई जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए।

3 सितंबर बुधवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी स्लैब को 4 से घटाकर 2 स्लैब में किया गया है। इसके तहत 12 और 28 प्रतिशत दरों को समाप्त किया गया है।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा