इलाहाबादः राहुल गांधी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। ऐसे में सिख समुदाय पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के मामले में उन पर मुकदमा चलेगा। इससे पहले वाराणसी की विशेष अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया था। इस फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।
पीठ ने पहले इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। राहुल गांधी की याचिका खारिज होने के बाद अब वाराणसी एमपी/एमएलए अदालत पुनरीक्षण याचिका पर आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो जाएगा। इसी साल 21 जुलाई को वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर ली थी। हाई कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी गई थी।
राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के दौरान उपजा विवाद
यह मामला लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा के दौरान की गई टिप्पणी से उत्पन्न हुआ है। इस टिप्पणी में राहुल गांधी ने कथित तौरपर कहा था कि भारत में सिखों को पगड़ी या कड़ा पहनने की अनुमति नहीं है और उन्हें गुरुद्वारे में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
राहुल गांधी ने साल 2024 में वर्जीनिया में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि भारत में लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी…क्या एक सिख को कड़ा पहनने या गुरुद्वारे जाने की अनुमति दी जाएगी। लड़ाई इसी के लिए है और यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं बल्कि सभी धर्मों के लिए है।
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28 नवंबर, 2024 को उनके खिलाफ दायर याचिका को एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था। नागेश्वर मिश्रा ने वाराणसी सत्र न्यायलय में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। इसे विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) कोर्ट ने 21 जुलाई, 2025 को स्वीकार कर लिया था। नागेश्वर मिश्रा ने हालांकि गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी जब यह पूरी नहीं हुई तो उन्होंने न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी दी।
गांधी के खिलाफ चलेगा मुकदमा
गांधी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इसे चुनौती दी थी। अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 3 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ऐसे में अब राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमे का रास्ता साफ हो गया है। वहीं, राहुल गांधी के इस बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया था कि उनका यह बयान भड़काऊ और विभाजनकारी कहा गया था।
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राहुल गांधी की तरफ से उच्च न्यायालय में गोपाल चतुर्वेदी ने दलील दी थी। उन्होंने दलील दी थी कि राहुल गांधी के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा था कि इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है।