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एयर इंडिया प्लेन हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट पर पायलट एसोसिएशन ने क्यों उठाए सवाल?

नई दिल्लीः एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए) ने शनिवार को एयर इंडिया विमान दुर्घटना पर आई प्रारंभिक रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की है। एएलपीए ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट के बारे में कहा है कि ऐसा लगता है कि दुर्घटना के बारे में पायलट जिम्मेदार थे। 

इस संबंध में एएलपीए इंडिया के अध्यक्ष सैम थॉमस ने एक बयान में कहा “जांच का लहजा और दिशा पायलट की गलती की ओर सुझाव का संकेत देती है। हम इस धारणा को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं और निष्पक्ष, तथ्य आधारित जांच पर जोर देते हैं।”

पारदर्शिता की कमी की ओर किया इशारा

एएलपीए ने इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी की ओर भी इशारा किया। बयान में कहा गया “जांच अब भी गोपनीयता के आवरण में है जिससे विश्वसनीयता और जनता का विश्वास कमजोर हो रहा है। योग्य और अनुभवी कर्मियों खासकर लाइन पायलटों को अभी भी जांच दल में शामिल नहीं किया जा रहा है।”

एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में पाया गया है कि एयर इंडिया की उड़ान AI171 के दोनों इंजनों को ईंधन की आपूर्ति एक सेकंड के अंतराल पर बंद हो गई। इस वजह से कॉकपिट में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई और विमान उड़ने के कुछ ही समय बाद गिर गया। 

एएआईबी की 15 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉकपिट की ध्वनि रिकॉर्डिंग में एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद कर दिया? इस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि मैंने ऐसा नहीं किया।

एएलपीए ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट का दिया हवाला

एएलपीए ने वहीं 10 जुलाई के वॉल स्ट्रीट जर्नल के लेख का हवाला देते हुए कहा कि विमान दुर्घटना की मुख्य वजह इंजन ईंधन नियंत्रण स्विच गति से संबंधित थी।

वहीं, एसोसिएशन ने इस पर भी सवाल उठाया कि जब इसका आधिकारिक प्रकाशन नहीं हुआ तो जानकारी मीडिया में कैसे आ गई? एसोसिएशन ने बिना आधिकारिक पहचान के दस्तावेज जारी करने के लिए भी एएआईबी की आलोचना की।

इसके अलावा जांच प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर भी गुहार लगाई। जांच प्रक्रिया में एक पर्यवेक्षक की भूमिका के लिए शामिल होने को लेकर एक बार फिर से अनुमति मांगी गई। 

एएआईबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि उड़ान भरने के तुरंत बाद ही दोनों इंजन कटऑफ की स्थिति में चले गए। हालांकि, यह नहीं बताया गया कि यह कैसे हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार था? 

हालांकि, दोनों इंजनों के बंद होने के 10 सेकंड बाद एक इंजन का स्विच चालू कर दिया गया और अगले 4 सेकंड में दूसरे इंजन का भी। पायलटों ने दोनों इंजन चालू कर दिए लेकिन एक ही इंजन वापस काम कर पाया और यह विमान को जमीन पर गिरने से रोकने के लिए पर्याप्त थ्रस्ट बनाने में सक्षम नहीं रहा। 

राम मोहन नायडू ने क्या कहा?

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने इस रिपोर्ट को लेकर कहा है कि यह प्रारंभिक रिपोर्ट है और अंतिम रिपोर्ट आने तक किसी तरह की कोई राय नहीं बनानी चाहिए। उन्होंने पायलटों के बारे में कहा कि वह एयरलाइंस उद्योग की रीढ़ हैं।

यह एक बोइंग ड्रीमलाइनर विमान था। यह 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहा था। विमान में 242 लोग सवार थे जिनमें 241 मारे गए और विमान एक हॉस्टल में गिरा जहां 19 लोगों की मौत हो गई। 

विमान में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी सवार थे। इसके अलावा कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे। 

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