Friday, October 10, 2025
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एयर इंडिया हादसे की जांच में विमान के टेल सेक्शन में ‘बिजली की खराबी’ के मिले संकेत

नई दिल्लीः एयर इंडिया AI-171 विमान आपदा की गुत्थी सुलझाने में जुटे जांचकर्ताओं को एक बड़ी उम्मीद मिली है। 12 जून को हुए इस हादसे के बाद विमान के मलबे, खासकर पूंछ वाले हिस्से (टेल असेंबली) से ऐसे अत्यंत महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं जो दुर्घटना की वजह का खुलासा कर सकते हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे 23 से उड़ान भरने के बाद केवल 26 सेकंड में ही यह बोइंग ड्रीमलाइनर आसमान से नीचे आ गिरा था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, टेल एसेम्बली के मलबे में कुछ खास इलेक्ट्रॉनिक घटकों में सीमित दायरे में ‘इलेक्ट्रिक आग’ के संकेत मिले हैं। विमान का यह हिस्सा हादसे के बाद विस्फोट और ईंधन से लगी आग से काफी हद तक बचा रहा, जिससे इसके महत्वपूर्ण अवशेष जांच के लिए सुरक्षित रह सके।

इन हिस्सों को अहमदाबाद में सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। माना जा रहा है कि ये घटक उड़ान भरते वक्त विमान की विद्युत आपूर्ति प्रणाली में आई किसी गंभीर गड़बड़ी की ओर इशारा कर सकते हैं।

ब्लैक बॉक्स और APU की भूमिका

हादसे के बाद दो ब्लैक बॉक्स मिले। पिछला (रियर) ब्लैक बॉक्स, जो बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत पर मिला, बुरी तरह थर्मल डैमेज का शिकार हुआ और उससे पारंपरिक तरीके से डेटा निकालना संभव नहीं हो सका। इसके उलट, सामने का ब्लैक बॉक्स जला हुआ मिला लेकिन उससे लगभग 49 घंटे का उड़ान डेटा और 6 उड़ानों का रिकॉर्ड सुरक्षित रूप से प्राप्त किया गया।

विमान की पूंछ में स्थित एक्सिलियरी पावर यूनिट (एपीयू), ट्रांसड्यूसर और रडर जैसे घटकों की भी बारीकी से जांच की जा रही है। एपीयू को उसके कम्पार्टमेंट से संपूर्ण स्थिति में निकाला गया है। दिलचस्प बात यह है कि पिछली उड़ान AI-423 के पायलट ने “STAB POS XDCR” यानी स्टेबलाइजर पोजिशन ट्रांसड्यूसर में गड़बड़ी की शिकायत तकनीकी लॉग में दर्ज करवाई थी, जिसे अहमदाबाद में इंजीनियर द्वारा उड़ान के ठीक पहले हल किया गया था।

ये भी पढ़ेंः एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान उड़ान भरने के 16 मिनट बाद ही वापस लौटा हैदराबाद, फुकेत के लिए भरी थी उड़ान

 उड़ान से पहले ही गड़बड़ी?

एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर उड़ान भरने से पहले ही विद्युत प्रणाली में कोई खराबी आई हो, तो वह विभिन्न सेंसरों को गड़बड़ सिग्नल दे सकती थी, जिससे इंजन कंट्रोल यूनिट (ECU) को गलत ईंधन कट-ऑफ सिग्नल मिल गया होगा और दोनों इंजन ईंधन के बिना काम करना बंद कर बैठे।

एपीयू की स्वचालित पुनः-चालू प्रक्रिया और अहमदाबाद की गर्म परिस्थितियों में टेकऑफ के दौरान अतिरिक्त थ्रस्ट देने की संभावना पर भी नजर है। याद दिला दें कि APU से जुड़ी तकनीकी समस्याओं के कारण 2013 में ड्रीमलाइनर फ्लीट को कुछ समय के लिए ग्राउंड कर दिया गया था, जिसे बाद में FAA द्वारा पुनः डिजाइन अनुमोदित करने के बाद उड़ानों में लगाया गया।

इकलौते जीवित यात्री की गवाही भी अहम

हादसे के इकलौते जीवित बचे यात्री विश्वाश कुमार रमेश ने “केबिन लाइट्स के बार-बार झपकने” की बात कही थी, जिससे यह संभावना मजबूत होती है कि उड़ान के शुरुआती क्षणों में विद्युत प्रणाली में तेजी से अदला-बदली और रुकावटें हो रही थीं।

ये भी पढ़ेंः Air India विमान क्रैश पर अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में क्या है जिस पर पायलटों के संगठन ने जताई आपत्ति?

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